बिहारशरीफ, 28 जनवरी। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और बीसीए के क्रिया कलापों पर हमला बोलने वालों पर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ नालंदा के सचिव सैयद मोहम्मद जावेद इकबाल ने जम कर हमला बोला है। जावेद इकबाल ने कहा कि संविधान की दुहाई देने वाले पहले अपने अंतर आत्मा में झांके उसके बाद दूसरों पर कीचड़ उछालें।
उन्होंने कहा कि 18 वर्षो के बनवास के बाद आज बिहार के युवा खिलाड़ी जूनियर से लेकर रणजी ट्रॉफी तक खेल रहे और नया इतिहास लिखने का प्रयास कर रहे हैं। वैभव सूर्यवंशी, मो आलम तथा अन्य युवा खिलाडियों को जहां बीसीए मौका दे रहा वहीं आईपीएल तथा दूसरे राज्यों से रणजी खेल कर बिहार में सेवा देने का सपना देने आये नालंदा के वीर प्रताप सिंह को बिहार क्रिकेट संघ द्वारा सम्मान देने का काम किया गया और आज वीर प्रताप सिंह बिहार रणजी टीम में अपनी सेवा दे रहे और अच्छा प्रदर्शन कर रहे।
मेरा सवाल उन चंद क्रिकेट के तथाकथित शुभचिंतकों से है के क्या आप लोगों के यह नहीं दीखता जो आप बिहार क्रिकेट संघ और उसके अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी पर बेबुनियाद अनर्गल आरोप लगाने के कार्य में लगे हैं। क्या आपको यह नहीं दीखता के आज बिहार की रणजी टीम एलीट ग्रुप में दो-दो मैच ड्रॉ करा रही और केरल जैसी मजबूत टीम के खिलाफ पारी की बढ़त ले रही। अभी तक मैंने बिहार क्रिकेट में इतना ही पाया है कि बिहार क्रिकेट संघ का विरोध कर रहा हर पूर्व/वर्तमान पदाधिकारी सिर्फ और सिर्फ अपने स्वार्थ के कारण ही क्रिकेट का शुभचिंतक बनकर अपना ज्ञान देने आ जा रहा।
जावेद इकबाल ने कहा कि बिहार क्रिकेट संघ का अंग होने के कारण बीसीए तथा बीसीए अध्यक्ष पर लग रहे झूठे और बेबुनियाद आरोपों का मैं और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ नालंदा पुरजोर विरोध करता है।
उन्होंने कहा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव रवि शंकर जी संविधान की बात कर रहे और अध्यक्ष का विरोध जाता रहे परन्तु कब जब क्रिकेट का सीजन समाप्त हो गया। जब तक सीजन था तबतक अपना काम निकालना और जब सीजन ख़त्म तो फिर से बिहार क्रिकेट को बदनाम करना ये कहाँ तक सही है। पूर्व सचिव ने संविधान का हवाला देते हुए बिहार के एक युवा क्रिकेटर पर 6 वर्षों का प्रतिबंध गलत है परन्तु वो भूल गए के उसी युवा क्रिकेटर पर वर्ष 2017-18 में इनके सचिव रहते इनके द्वारा 6 वर्षों का पहली बार बैन करने का कार्य किया गया था। ज्ञानेश्वर गौतम द्वारा कहा गया कि अध्यक्ष इनको सडक किनारे ग्राहक का इंतज़ार करने वाली वेश्या बताते हैं जी गाड़ी में सेटिंग हुआ उस पर ही बैठ गए तो पूर्व सचिव महोदय को खुद में मंथन करना चाहिए के अगर ज्ञानेश्वर जी द्वारा बताई गयी बात में थोड़ी भी सच्चाई है तो आपकी ये क्षवि बानी कैसे। किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व क्या है उसके नेचर के हिसाब से ही दूसरो के मनन में बनती है। बिहार क्रिकेट में एक दूसरे से लड़ाने और विवाद कराकर कर अपना उल्लू सीधा करना यही दिखता रहा।
ज्ञानेश्वर गौतम के बारे में भी बिहार के लोगों को भली भांति पता है के वो किस तरह पाला बदलने में माहिर हैं। आज मीडिया में आकर कुछ भी बोल रहे हैं। परन्तु मुझे यह समझ में नहीं आता के जब तक ये लोग मलाई खाते रहते हैं तब इनको यह सब बोलने और क्रिकेट का भला क्यों नहीं समझ आता। जैसे ही बिहार क्रिकेट से इन्हें बाहर किया जाता है तब ही इन लोगों के मुंह से बात निकलती है। इससे इन सभी बिहार क्रिकेट के तथाकथित शुभचिंतकों की सच्चाई बिहार की जनता जान चुकी है। क्रिकेट के कुछ जानकर लोगों ने मुझे बताया है कि बिहार क्रिकेट लीग (BCL) में इनके एक से दो करोड़ की डील हो रही थी जिसकी जानकारी BCA अध्यक्ष को मालूम चल गया जिसके बाद इनकी यह डील नहीं हो पायी। जिसका नतीजा यह निकला की ज्ञानेश्वर गौतम आज BCA अध्यक्ष के खिलाफ विरोधियों से मिल कर प्रोपगंडा और झूठ फैलाने के अपने मिशन में निकल चुके हैँ।
मैं बिहार क्रिकेट के सभी शुभचिंतको से निवेदन करता हूं कि अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी पर भरोसा रखें, थोड़ा समय दें बिहार क्रिकेट तथा क्रिकेटरों का भविष्य उज्ज्वल होगा।
अब लोग मुझे भी स्वार्थी बोल सकते हैं परन्तु मैं नालंदा और बिहार क्रिकेट के विकास के लिए कार्य मौका मिला है जिसे मैं पूरी निष्ठां से करूँगा, इसमें हमारे गार्जियन BCA के पूर्व कोषाध्यक्ष आनंद कुमार जी का भी सहयोग लेना पड़ेगा तो लूंगा उनका क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ नालंदा सम्मान करेगा। परन्तु बिहार क्रिकेट संघ को झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने का षडयंत्र करने वाले स्वार्थी लोगों का विरोध जारी रहेगा। नालंदा जिला क्रिकेट संघ क्रिकेट के विकास के लिए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के क्रिकेट में विकास के कार्यों के साथ ईमानदारी से खड़ा रहेगा।

