बिहार के रोहतास जिला के शिवसागर प्रखंड के बड्डी गांव के रहने वाले आकाशदीप को बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले टेस्ट सीरीज के पहले मैच के लिए घोषित भारतीय टीम में जगह दी गई है। आकाशदीप ने पिछले वर्ष रांची में अपना टेस्ट डेब्यू किया था और उसमें तीन विकेट झटके थे।
बीसीसीआई के तत्वावधान में चल रहे दलीप ट्रॉफी में आकाशदीप ने शानदार गेंदबाजी की और जिसका इनाम उन्हें टेस्ट टीम में जगह के रूप में मिली। इंडिया ए की ओर से खेल रहे आकाशदीप ने दोनों पारियों में नौ विकेट, जिसमें दूसरी पारी में पांच विकेट शामिल हैं। तेज गेंदबाज आकाश दीप ने इंडिया बी की बल्लेबाजी को ध्वस्त करना जारी रखा, क्योंकि उन्होंने पहली पारी में चार विकेट लेने के बाद दूसरी पारी में भी पांच विकेट लिए। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज आकाश ने 56 रन देकर 5 विकेट लिए। उन्होंने पहली पारी में 60 रन पर 4 विकेट लिए थे और इस तरह मैच में नौ विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया।
27 वर्षीय आकाश अपने नवोदित अंतरराष्ट्रीय करियर में अब तक केवल एक टेस्ट खेला है। इस साल फरवरी में रांची में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए, आकाश ने पहली पारी में 83 रन देकर 3 विकेट चटकाए थे। देर से उभरने वाले आकाश ने अपने दूसरे प्रथम श्रेणी मैच में ही सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया।
इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए इस मैच में ओपनर जेक क्रौली, बेन डकेट और ओली पोप के विकेट लिए। दरअसल भारतीय टीम मैनेजमेंट ने अचानक एक युवा अनकैप्ड तेज गेंदबाज कको रांची टेस्ट में उतारकर उसे मौका दे दिया था।
27 साल के आकाश दीप बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर क्रिकेट का माहौल नहीं रहने के कारण बंगाल चले गए थे। आसनसोल में रिलेटिव के घर पर रहकर बंगाल में क्रिकेट क्लब खेला और बाद में घरेलू क्रिकेट में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें क्रिकेट में कैरियर बनाने के लिए न केवल अपने परिवार को छोड़ना पड़ा, बल्कि उन्हें स्टेट भी छोड़ना।
आकाश दीप की प्रतिभा बंगाल रणजी टीम के सहायक कोच सौराशीष लाहिरी ने पहचानी। लाहिरी घरेलू क्रिकेट में बंगाल का प्रतिनिधित्व कर चुके थे। लाहिरी ने मीडिया में कहा था कि जब मैं पहली बार बंगाल के अंडर-23 का कप्तान बना, तो मुझे पता चला कि बिहार का एक लड़का बंगाल के क्रिकेट क्लब से खेल रहा है, वे टेलेंटेड है। उस समय आकाश दीप यूनाइटेड क्लब से खेल रहे थे। मैने नेट पर बॉलिंग के लिए बुलाया। मैने देखा कि उनकी गेंदबाजी में पेस है। मैने उन्हें बंगाल अंडर-23 टीम में शामिल किया।
बाद में टीम को सीके नायडू के फाइनल में पहुंचाया सौराशीष बताते हैं कि 2019 में जब उनका चयन अंडर-23 में किया, तभी वह चोटिल हो गए। उनके बैक में प्रॉब्लम था। हालांकि, हमने टीम के साथ ही रखा। हर टूर पर उन्हें लेकर जाते थे। मैच में नहीं खिलाया। उनका ख्याल रखा। उनको टीम के साथ लेने जाने पर सवाल भी उठे, आखिर जब वह फिट होकर लौटे तो उस साल सीके नायडू के फाइनल में टीम को पहुंचाया। बाद में उनका चयन अंडर-23 में ऑस्ट्रलिया दौरे के लिए इंडिया टीम में हुआ।
ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद बंगाल के सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में डेब्यू किया। आखिरी दो मैचो में 4 विकेट लिए। बाद में हर फॉर्मेट में बंगाल टीम के स्थायी सदस्य हो गए। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।