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Thursday, December 26, 2024

भारतीय मुक्केबाजों की निगाहें ऐतिहासिक स्वर्ण पर

ताशकंद। अपने गैर-मामूली अभियान से प्रेरणा लेते हुए जब दीपक कुमार, मोहम्मद हुसामुद्दीन और निशांत देव विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में मुकाबला करने के लिये शुक्रवार को रिंग में उतरेंगे, तो उनकी निगाहें सीधे स्वर्ण पदक पर होंगी।

भारत भले ही 2019 में अमित पंघाल के रजत सहित अब तक विश्व चैंपियनशिप में सात पदक जीत चुका है, लेकिन अभी तक उसकी स्वर्ण जीतने की इच्छा पूरी नहीं हुई। इस बार तीन भारतीय मुक्केबाजों ने पहली बार एक साथ सेमीफाइनल में जगह बनायी है। तीन पदक सुनिश्चित होने के साथ भारत पदक तालिका में मेज़बान उज़्बेकिस्तान (नौ), क्यूबा और रूस (छह) तथा कज़ाकस्तान (पांच) के बाद तीसरे स्थान पर है।

साल 2019 के एशियाई रजत पदक विजेता दीपक कुमार (51 किग्रा) सेमीफाइनल बाउट में दो बार के विश्व कांस्य पदक विजेता फ्रांस के बिलाल बेनामा से भिड़ते हुए स्वर्ण की होड़ में भारत की अगुवाई करेंगे। हरियाणा के हिसार से आने वाले 26 वर्षीय मुक्केबाज ने अपनी दूसरी विश्व चैंपियनशिप में अब तक शानदार प्रदर्शन करते हुए सर्वसम्मत फैसलों से तीन जीत दर्ज की हैं। उन्होंने शीर्ष-32 राउंड में कजाखस्तान के टोक्यो ओलंपिक मेडलिस्ट साकेन बिबोसिनोव को भी पछाड़ा था।

अपनी शानदार फॉर्म को बरकरार रखने के लिए दीपक फाइनल में पहुंचना चाहेंगे, जहां उनका सामना रियो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता हसनब्वाय दुसमातोव या मौजूदा यूरोपीय चैंपियन स्पेन के मार्टिन मोलिना से होगा।

पहली बार विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा हुसामुद्दीन (57 किग्रा) टूर्नामेंट में अपनी पहली उपस्थिति में सफलतापूर्वक फाइनल में पहुंचने का लक्ष्य रखेंगे। सेमीफाइनल में उनका सामना क्यूबा के सैदेल होर्ता से होगा। तेलंगाना का रहने वाला यह मुक्केबाज फाइनल में पहुंचने पर संभावित रूप से 2021 विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता उज्बेकिस्तान के अब्दुमालिक खालोकोव या किर्गिस्तान के मुनारबेक सीटबेक-उलु से भिड़ सकता है, लेकिन उसके लिये हुसामुद्दीन को सैदेल की चुनौती पार करनी होगी।

भारत के उभरते हुए मुक्केबाज़ों में से एक निशांत देव (71 किग्रा) सेमीफाइनल में मौजूदा एशियाई चैंपियन कजाकिस्तान के असलानबेक शिमबर्गेनोव के खिलाफ उतरेंगे। वह पिछली विश्व चैंपियनशिप में क्वार्टरफाइनल तक ही पहुंच सके थे लेकिन इस बार उन्होंने अपने लिये सफलतापूर्वक एक पदक सुनिश्चित कर लिया है। करनाल में जन्मे इस मुक्केबाज़ ने अब तक तीन जीत सर्वसम्मत निर्णयों से और एक जीत प्रतियोगिता रोककर (आरएससी) दर्ज की है।

अपनी शानदार फॉर्म को जारी रखने की उम्मीद के साथ 22 वर्षीय निशांत फाइनल में पहुंचकर उज्बेकिस्तान के दो बार के एशियाई चैंपियन सैदजामशीद जाफारोव या ब्राजील के 2018 दक्षिण अमेरिकी चैंपियन वांडरसन डी ओलिवरिया से भिड़ने के लिये दृढ़ संकल्पित होंगे।

विश्व चैंपियनशिप में 107 देशों के कई ओलंपिक पदक विजेताओं सहित कुल 538 मुक्केबाज हिस्सा ले रहे हैं। स्वर्ण पदक विजेताओं को दो लाख अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि दी जाएगी, जबकि रजत पदक विजेताओं को एक लाख अमेरिकी डॉलर से सम्मानित किया जायेगा। दोनों कांस्य पदक विजेताओं को 50,000 अमेरिकी डॉलर दिये जाएंगे।

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