Monday, November 17, 2025
Home Slider एजीएम के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करने में जुटे हैं बीसीए के साहेब

एजीएम के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करने में जुटे हैं बीसीए के साहेब

by Khel Dhaba
0 comment

बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष ने गैर संवैधानिक कार्य करने का ठीका ले रखा है। एक ओर जहां उन्होंने नौ अक्टूबर 2021 को बीसीए की एजीएम आहूत की है। वहीं उस एजीएम में डिस्क्वालिफाइड लोगों को बैठाकर कोरम पूरा करने की भी तैयारी कर ली है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं। आप नीचे लिखे गए बिंदु को पढ़कर समझ सकते हैं कि खेलढाबा ने जो सवाल खड़े किए है क्या वे गलत हैं।
तो पहले इसे बिंदुवार खामियों को समझे:

  1. बीसीए ने नौ अक्टूबर 2021 को पटना के पाटलिपुत्रा में आम सभा का आयोजन किया है। लेकिन पाटलिपुत्रा में स्थान तक को नहीं बताया गया है।
  2. आमसभा में बैठने वाले की सूची प्रकाशित नहीं की गई।
  3. आगे बढ़े तो पूरे बीसीए में डिस्क्वालिफाइड लोगों की संख्या बहुत अधिक है।
  4. लोढ़ा कमेटी के अनुसार 9 वर्ष जिनका पूरा हो गया है वह किसी भी एजीएम में भाग नहीं ले सकते हैं।
  5. अयोग्य लोगों के साथ पूर्व में 31 जनवरी 2020 को एक एजीएम आहुत किया गया था। जिसका हर्ष क्रिकेट जगत से जुड़े लोगों ने देखा है कि उसी एजीएम के द्वारा नियुक्त लोकपाल को कार्य पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दिया है।
  6. एजीएम कराने के पहले बीसीए के संविधान में वर्णीत एजेंडा पर करना होता है।
  7. एजीएम की सूचना पूर्ण सदस्य और एसोसिएट मेंबर को 21 दिन पहले सभी एजेंडा के साथ दिया जाता है।
  8. बहुत सारे फूल मेंबर्स और एसोसिएट मेंबर्स से बात करने पर पता चला कि उन्हें अबतक कोई पत्र बीसीए से इस संबंध में मिला ही नहीं।
  9. बिना सचिव और संयुक्त सचिव के आमसभा बुलाना यह कहां तक सही यह अध्यक्ष राकेश तिवारी ही बता सकते हैं। चूकि सचिव के पास सारा रिकॉर्ड रहता है।
  10. कही अयोग्य लोगों के साथ बुलाया गया यह एजीएम में लिया गया निर्णय का भी वही हाल तो न हो जाये। जो 31 जनवरी 2020 वाले एजीएम का हुआ था।
  11. सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि बीसीए अध्यक्ष ने तो क्रिकेट के संविधान से उपर जाकर जिलाओं में जो एडहॉक कमेटी बना रहे। उसकी संविधान इजाजत नहीं देता है।
  12. बीसीए इस एजीएम में उन अयोग्य लोगों को लेकर कर रहा जिन्हें बाहर करना ही बेहतर होता। उन अयोग्य लोगों में काफी सारी दिग्गज हस्तियां शामिल हैं

13. एजीएम में ऐसे भी कई अयोग्य लोग हैं जो अपने बेटा, बेटी और रिश्तेदारों को पदाधिकारी बनाकर उनसे आर्थरिटी लेकर एजीएम में शामिल होते है। जबकि लोढ़ा कमेटी के अनुसार अगर वे अपना कार्यकाल पूरा कर चुके है तो वो किसी एजीएम में या क्रिकेट गतिविधियों में भाग नहीं ले सकते।

14. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी सदस्यों को नियमानुसार 15 दिन पूर्व अकाउंट स्टेटमैंट और सचिव की रिपोर्ट भेजनी होती है। वो रिपोर्ट जो एजीएम में पास होना होता है या उस पर चर्चा होनी होती है। ऐसा इसीलिए क्योंकि सदस्य उस पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकें। पर ऐसा नहीं हो रहा है। इस मुद्दे पर कमेटी ऑफ मैनेजमेंट के लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है पर सुनने वाला कौन है।

तो आप इन बिंदुवार खामियों से समझ गए होंगे कि बिहार में क्रिकेट के रसातल में रहने की वजह क्या है। जहां के क्रिकेट रहनुमा ही क्रिकेट व उसके नियमों की अवहेलना करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

You may also like

Leave a Comment

खेलढाबा.कॉम

खेलढाबा.कॉम, खेल पत्रकार की सोच और बहुत सारे खेल प्रेमियों के सुझाव व साथ का परिणाम है। बड़े निवेश की खेल वेबसाइट्स की भीड़ में खेलढाबा.कॉम के अलग होने की यह भी एक बड़ी वजह है। तो, जिले-कस्बों से बड़े आयोजनों तक की कवरेज के लिए जुड़े रहें खेलढाबा.कॉम से।

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

Laest News

@2025 – All Right Reserved.

Verified by MonsterInsights