हांगझोउ, 30 सितंबर। किदांबी श्रीकांत के निर्णायक मुकाबले में शानदार खेल के दम पर भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने रोमांचक सेमीफाइनल में शनिवार को यहां कोरिया को 3-2 से शिकस्त देकर एशियाई खेलों में पहला स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद जीवंत रखी। भारतीय टीम एशियाड की इस स्पर्धा में पहली बार फाइनल में पहुंची है।
विश्व रैंकिंग में सातवें स्थान पर काबिज एचएस प्रणय ने शुरुआती गेम में उलटफेर के बाद मजबूत वापसी करते हुए जियोन ह्योक जिन को 18-21, 21-16, 21-19 से हराया और भारत को 1-0 से आगे कर दिया।
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी शुरुआती युगल मुकाबले में मौजूदा विश्व चैंपियन सियो सेउंग-जे और कांग मिन-ह्युक से 13-21 24-26 से हार गये।

लक्ष्य सेन ने इसके बाद अपने दबदबे वाले खेल से मुकाबले में भारतीय टीम की वापसी करायी। उन्होंने ली युंगयु को एकतरफा मुकाबले में 21-7 21-9 से हराकर भारत को 2-1 से आगे कर दिया। एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला की जोड़ी को किम वोन्हो और एनए सुंगसेउंग ने 21-16, 21-11 से हराकर मुकाबला 2-2 से बराबर कर दिया।
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भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचने का दारोमदार अब श्रीकांत पर था लेकिन विश्व रैंकिंग में 163वें स्थान पर काबिज कोरिया के चो गोंयोप ने पहले गेम में पछाड़कर उलटफेर करने की कोशिश की । 2021 के विश्व चैम्पियन श्रीकांत ने हालांकि इसके बाद कोई गलती नहीं की और 12-21, 21-16, 21-14 से जीत मुकाबला भारत के नाम कर दिया।
भारत रविवार को फाइनल में जब कई बार के स्वर्ण पदक विजेता चीन का सामना करने उतरेगा तब वह अपने थॉमस कप चैंपियन के स्तर को बरकरार रखना चाहेगा।

शनिवार की जीत ने भारत को महाद्वीपीय चैंपियनशिप में बैडमिंटन में कम से कम रजत पदक का आश्वासन दिया, जिसमें दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु ने जकार्ता में 2018 संस्करण में महिला एकल में पहली जीत हासिल की।
भारतीय पुरुष टीम ने बैडमिंटन टीम चैम्पियनशिप में सियोल 1986 में आखिरी बार पदक जीता था। इसमें प्रकाश पादुकोण और विमल कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
भारत ने अब तक एशियाई खेलों के इतिहास में 10 बैडमिंटन पदक जीते हैं, जिनमें तीन व्यक्तिगत एकल पदक, तीन पुरुष टीम कांस्य, दो महिला टीम कांस्य के अलावा पुरुष युगल और मिश्रित युगल में एक-एक पदक शामिल हैं।
