गया। इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल सहदेव यादव और कोच द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त पाल सिंह संधू ने रविवार को बोधगया के कालचक्र मैदान का निरीक्षण किया। नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2019 के लिए कालचक्र मैदान में निर्मित हार्ड सरफेस प्लेटफॉर्म, वार्मअप एरिया और ट्रेनिंग एरिया का निरीक्षण के बाद उन्होंने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि बिल्कुल विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित की गई है।
सेक्रेट्री जनरल और कोच दोनों में नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2019 बोधगया के आयोजन समिति के अध्यक्ष राकेश रंजन, सचिव अरुण कुमार ओझा, स्वागत समिति के अध्यक्ष कुंदन कुमार और बिहार वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण कुमार केसरी के साथ बैठक कर 14 अक्टूबर से शुरू हो रहे आयोजन की तैयारियों की जानकारी ली और देशभर से आने वाले खिलाड़ियों, तकनीकि अधिकारियों आदि के आवास व्यवस्था की व्यवस्था का भी जायजा लिया।
सेक्रेटरी जनरल श्री यादव ने निरीक्षण के बाद कहा कि जिस तरह की सुविधाएं कालचक्र मैदान में विकसित की गई है वह विश्वस्तरीय है। कोच श्री संधू ने कहा कि अस्थाई निर्माण में अंतरराष्ट्रीय मानक का पालन हुआ है।
विदित हो कि नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप बोधगया के कालचक्र मैदान में 14 अक्टूबर से शुरू होगा और 22 अक्टूबर तक चलेगा। यह आयोजन 15 वां युथ सब जूनियर बॉयज एंड गर्ल, 56वां मेन एंड 32 वां वूमेन जूनियर है। इस आयोजन में देश के सभी राज्यों, रेलवे और सेना की टीमें भाग लेंगी। आयोजन समिति के अध्यक्ष राकेश रंजन ने बताया कि इस तरह के आयोजन के लिए बिहार में कोई मूलभूत सुविधाएं नहीं है।
बोधगया में इस तरह की प्रतियोगिता को राष्ट्रीय स्तर के मानक के साथ करना बहुत ही मुश्किल काम था। जब बोधगया को इस आयोजन की मेजबानी मिली तब कालचक्र मैदान में अस्थाई रूप से सुविधाएं विकसित की जा रही है। जिस वजह से आयोजन का बजट काफी अधिक हो गया है। लेकिन हम इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन के निरीक्षण में खरा उतरे, इस बात से हमें संतोष हुआ है।
सचिव अरुण कुमार ओझा ने कहा कि बोधगया के कालचक्र मैदान में वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप राष्ट्रीय स्तर के मानक के साथ करना चुनौतीपूर्ण काम है लेकिन हम विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित कर चैंपियनशिप करने की ओर अग्रसर है। स्वागत समिति के अध्यक्ष कुंदन कुमार ने कहा की बिहार के गौरव को हर हाल में फिर से हर क्षेत्र में स्थापित करने की सोच के साथ यह एक प्रयास है।
सुविधाएं नहीं है पर हौसले हैं, इसी का परिणाम है कि हम निरीक्षण में पास हुए। बाद में बिहार के टेक्निकल ऑफिसर्स की एक कार्यशाला भी हुई। जिसमें इंडियन टीम के कोच श्री संधू ने ट्रेनिंग सत्र को संबोधित किया।