चेन्नई। खूबसूरत यार्कर के वजह से क्रिकेट में विशेष छाप छोड़ने वाले टी नटराजन ने अपने परिवार के लिये वह सब कुछ किया जो वह कर सकते थे लेकिन वह अपनी मां को सड़क के किनारे चिकेन बेचना छोड़ने से नहीं मना पाया।
नटराजन के पिता दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे लेकिन इस खिलाड़ी ने यह सुनिश्चित किया कि उनके माता पिता का आगे कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़े और उनकी बहनों को उचित शिक्षा मिले।
इस दौरान उन्होंने अपने माता-पिता के लिए घर बनाया, अपनी बहनों की पढ़ाई की व्यवस्था की, तमिलनाडु के सलेम जिला स्थित अपने गांव चिन्नापामपट्टी में अकादमी शुरू की और अपने साथियों को खेल नहीं छोड़ने के लिये प्रेरित किया। यह सब उन्होंने तमिलनाडु की गेंदबाजी विभाग की जिम्मेदारियों को संभालते हुए किया।
नटराजन के मेंटर जयप्रकाश ने कहा कि इस तेज गेंदबाज की मां को लगता है कि जब उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी तब उनके इस काम से परिवार को बहुत मदद मिली थी।
नटराजन की डेथ ओवरों के विशेषज्ञ गेंदबाज के रूप में पहचान वर्तमान इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से कुछ साल पहले हुई थी जब उन्होंने अपनी यार्कर से लगातार सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को आउट किया।
नटराजन को पहले किंग्स इलेवन पंजाब ने 2017 में तीन करोड़ रुपये में खरीदा था लेकिन वह अपने खेल से प्रभावित नहीं कर पाये थे। उन्हें 2018 में सनराइजर्स ने चुना था लेकिन उन्हें इस सत्र में जाकर अपना पहला मैच खेलने का मिला।
दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ सनराइजर्स की जीत में उन्होंने अपनी भूमिका निभायी। उन्होंने 14वें और 18वें ओवर में कई यार्कर करके बल्लेबाजों को परेशानी में रखा। उन्होंने चार ओवर में 21 रन दिये और आस्ट्रेलिया के मार्कस स्टोइनिस का विकेट लिया।