टोक्यो ओलंपिक के शुरू होने में अब चंद दिन ही बचे हैं। आगामी 23 जुलाई से जापान के शहर में टोक्यो ओलंपिक का आगाज होगा जो 8 अगस्त तक चलेगा। खिलाड़ियों का खेल गांव में पहुंचना जारी है। ओलंपिक में खिलाड़ियों की तमाम सुख सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है।
पिछले ओलंपिक खेलों में सारी सुख सुविधाओं के अलावा खिलाड़ियों के लिए एक और चीज का इंतजाम किया जाता रहा है वह है कंडोम (Condom)। हर बार की तरह इस बार भी खिलाड़ियों को कंडोम बांटे जाएंगे। खबर है कि आयोजनकर्ताओं ने खिलाड़ियों के बीच 1.6 लाख कंडोम (1.6 lakh condoms to be given to athletes at Tokyo Olympics) बांटे जाने का लक्ष्य रखा है पर यह कंडोम कब बटेंगे यह पिछली परंपराओं जैसा नहीं।
ओलंपिक में कंडोम बांटने का प्रचलन वर्ष 1988 में दक्षिण कोरिया के शहर सियोल में आयोजित ओलंपिक खेलों से शुरू हुआ। एचआईवी और एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए यह पहल की गई थी। एचआईवी और एड्स की रोकथाम के लिए कंडोम एक कारगर उपाय माना जाता है। शारीरिक संबंध के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने से इन जानलेवा रोगों के फैलने की संभावना नहीं रह जाती है।
ओलंपिक में बांटने का प्रचलन मीडिया रिपोर्ट के बाद हुआ। कई मीडिया रिपोर्ट्स में एक स्टडी के हवाले से लिखा गया है कि ओलिंपिक गेम्स में आने वाले 75 फीसदी खिलाड़ी सेक्शुअल एक्टिविटी (Sexual Activity) में शामिल होते हैं। खासकर स्विमिंग के खिलाड़ी सेक्शुअल एक्टिविटी में ज्यादा रुचि लेते हैं। इसके पीछे का कारण उनके गेम्स का जल्दी समापन होना बताया जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओलिंपिक के समापन से औसतन एक हफ्ते पहले स्विमिंग के गेम्स खत्म हो जाते हैं।
ऐसे में इन खिलाड़ियों के पास ज्यादा समय होता है और यह समय वे मौज-मस्ती में खर्च करते हैं। इस तरह ओलिंपिक समिति की ओर से खिलाड़ियों को कंडोम दिए जाने के पीछे एक उद्देश्य यह भी होता है कि कोई खिलाड़ी अगर दूसरे खिलाड़ी के साथ फिजिकल होता है यानी शारीरिक संबंध बनाता है तो वह कंडोम का इस्तेमाल जरूर करे। ताकि एचआईवी और एड्स जैसी जानलेवा बीमारियों के फैलने का खतरा न हो और सभी खिलाड़ी सुरक्षित अपने देश लौटें।
टोक्यो ओलंपिक में कंडोम तो बांटे जायेंगे पर खेल खत्म होने के बाद। टोक्यो स्पोर्ट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, IOC ने कहा कि हमारा इरादा ओलिंपिक गांव के एथलीटों द्वारा कंडोम का इस्तेमाल करने का नहीं है, बल्कि अपने कंडोम को अपने साथ ले जाकर अपने देश में एचआईवी और एड्स के प्रति जागरूकता में मदद करना है।
टोक्यो ओलंपिक की आयोजन समिति के लिए कोरोना महामारी के इस दौर में ओलिंपिक गेम्स कराना किसी चुनौती से कम नहीं है। सभी खिलाड़ियों को सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोविड के अन्य प्रोटोकॉल का भी पालन करने को कहा गया है। उनसे अपील की गई है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करें।
ऐसे में पहले तो यह भी सवाल उठा था कि जब सोशल डिस्टेंसिंग ही मेंटेन करना है, तो फिर कंडोम बांटे क्यों जा रहे हैं। इस बीच आयोजन समिति की ओर से कहा गया कि ये कंडोम खिलाड़ियों को गेम्स से पहले या गेम्स के दौरान नहीं दिए जाएंगे, बल्कि उन्हें घर ले जाने के लिए जाते वक्त दिए जाएंगे। कंडोम वितरण का उद्देश्य एचआईवी और एड्स के प्रति जागरूकता फैलाना है।