पटना। बिहार में खेल को जन आंदोलन का रूप देने के लिए स्पोर्ट डेवलपमेंट ऑथिरिटी ऑफ बिहार ने अपने युगांतरि प्रयासों का एक रोड मैप पेश किया है। इस संबंध में बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री आलोक रंजन ने खेल नीति निर्माण सहित विभिन्न कार्यक्रमों, कदमों और खेल को जन आंदोलन का रूप देने के दिशा में हो रहे युगांतरि प्रयासों को उल्लेखित करते हुए कहा कि बिहार सरकार एक समावेशी और वृहद खेल अवसंरचना निर्माण के साथ-साथ राज्य भर में खेलों को लेकर माहौल भी बनाने के लिए कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि हम हर जिले में “ टैलेंट सर्च प्रोग्राम” शुरू कर रहे हैं।
विभन्न खेल संगठनों का सुदृढ़ीकरण, उन्हें आधुनिक सुविधाएं और उपकरण मुहैया कराने, खेल प्रशिक्षकों को निःशुल्क नेताजी सुभाष इंस्टीच्यूट ऑफ स्पोर्ट्स, पटियाला में प्रशिक्षण, प्रतिभा पहचान हेतु विशेषज्ञों से मार्गदर्शन आदि जैसे अनेकों प्रयास कर रहे हैं। साथ ही हम आम लोगों की सहभागिता बढ़ाने और खेलों को जन-जन से जोड़ने हेतु पे एंड प्ले स्कीम भी प्रारंभ कर रहे हैं जिससे की आम लोग भी खेलों से जुड़े और समाज में “ खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब” की अवधारणा “खेलोगे कूदोगे बनोगे लाजबाब” में परिवर्तित हो।

इस स्कीम के तहत कोई भी आम नागरिक कुछ शुल्क अदा कर राज्य समर्थित ट्रेनिंग केंद्रों में खेलों का प्रशिक्षण एवं अभ्यास कर सकेंगे। हम लगातार खेलों को एक पूर्णकालिक कैरियर बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं।
उन्होंने सिमडेगा (झारखंड) में बिहार महिला हॉकी टीम द्वारा पहली बार एस्ट्रोटर्फ पर ट्रेनिंग का जिक्र करते हुए सरकार के धरातलीय प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने इस ट्रेनिंग कैंप को एक क्रन्तिकारी कदम बताते हुए कहा की हमारी महिला हॉकी को इस तरह के प्रशिक्षण और अनुभव की सालों से इंतजार था। यह ना सिर्फ महिला हॉकी के प्रदर्शन को नए स्तर पर ले जाएगा अपितु इसका बहुत बड़ा लाभ हमें राष्ट्रीय चैंपियनशिप में मिलेगा और हमारी टीम इस बार के नेशनल हॉकी चैंपियनशिप में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगीं।
बिहार स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव 2022 का भी जिक्र भी विभागीय मंत्री ने किया और इसे बिहार के खेल क्षेत्र का ऐतिहासिक पल करार दिया। इस कॉन्क्लेव की सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा की इसके माध्यम में हमें एक विश्वस्तरीय खेल नीति बनाने और खेल के विभिन्न पहलुओं से संबंधित पक्षों का शानदार अनुभव मिला। हम इस कॉन्क्लेव से मिले विशेषज्ञ परामर्श के आधार पर खेल नीति को मूर्त रूप देने के अंतिम चरण में हैं।




