पटना, 28 अक्टूबर। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी संवैधानिक, लोकतांत्रिक समेत कई अन्य कानूनी चीजों से काम करने की बात करते हैं। कहते हैं जिसका बल्ला बोलेगा वही खेलेगा। इन सारी चीजें को वो अमली जामा पहनाने में तो विफल रहते हैं पर अंदर ही अंदर खेल करने में वे आगे निकल जाते हैं चाहे कानूनी की कितनी भी हद क्यों नहीं पार करनी पड़ी जाए।
ताजा मामला है बिहार अंडर-23 मेंस टीम का। जो प्लेयर सुरक्षित प्लेयर की सूची में था वह पहले ही मैच में प्लेइंग इलेवन में शामिल हो गया। 18 सदस्यीय टीम जो गई थी उससे प्लेइंग इलेवन बनाने क्या टीम प्रबंधन असफल हो गई यह सवाल तो उठता है।

जो प्लेयर डायरेक्ट प्लेइंग इलेवन में शामिल हुए वे हैं मानिक शर्मा और ए राज। ए राज के बारे में बताया जा रहा है कि उनका नाम आदित्य राज है। मानिक शर्मा ने नाबाद 4 रन बनाये। ए राज खाली हाथ पवेलियन लौट गए। गेंदबाजी में ए राज कुछ खास नहीं कर पाये।
खेलढाबा.कॉम खिलाड़ियों की प्रतिभा पर सवाल खड़ा नहीं करता है पर तत्काल के परफॉरमेंस पर जरूर सवालिया निशान है। उससे से भी ज्यादा बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के क्रिया कलाप पर।

जब ये दोनों खिलाड़ी की इतनी ही जरुरत प्लेइंग इलेवन की थी तो इसे सुरक्षित प्लेयरों की सूची में क्यों डाला गया। दूसरा जब 18 सदस्यीय टीम गई है तो उससे क्या प्लेइंग इलेवन नहीं बन सकती थी। उससे भी बड़ा सवाल यह है कि जब इतना बड़ा चेंज हुआ तो पारदर्शिता की बात करने वाले संघ के पदाधिकारियों ने यह सूचना वेबसाइट पर क्यों नहीं डाली।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि ये दो प्लेयरों टीम रवानगी के दिन ही टीम के साथ गए होंगे तो बीसीए ने जो प्रेस रिलीज टीम रवानगी की डाली उसे में इन दोनों प्लेयरों का टीम में शामिल होने जिक्र क्यों नहीं किया गया। अगर ये नहीं गए तो सूचना प्रकाशित करनी चाहिए। इस संबंध में बीसीए का जवाब आना बाकी है।
यह है बीसीए का प्रेस रिलीज


