नईदिल्ली। निर्वतमान अजय सिंह बुधवार को हुए भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के चुनावों में फिर अध्यक्ष चुने गये जिन्होंने आशीष शेलार को आसानी से 37-27 मतों के अंतर से हरा दिया।
गुरूग्राम के एक होटल में हुए चुनावों का आयोजन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) के पर्यवेक्षक की मौजूदगी में किया गया। स्पाइसजेट एयरलाइंस के चेयरमैन सिंह के साथ अब नये महासचिव असम के हेमंत कुमार कलीता होंगे।
कलीता महाराष्ट्र के जे कोहली की जगह लेंगे जिन्होंने चुनावों से पहले शेलार को अपना समर्थन देने के बाद पद के लिये चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया।
सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, मैं अंतर पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, मैं खुश हूं कि बीएफआई ने मुझ पर भरोसा दिखाया है। मैं उम्मीदों पर खरा उतरने और मुक्केबाजी को आगे बढ़ाने की आशा करता हूं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को इसका श्रेय जाता है कि चुनाव इतनी शांति से आयोजित किये गये। हम एक परिवार हैं, हम अपने खेल के गौरव के लिये काम करेंगे। इसमें कोई नाराजगी नहीं हो।’
उन्हें भाजपा के महाराष्ट्र से सांसद और महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के पूर्व अध्यक्ष शेलार ने चुनौती दी थी।
सिंह ने कहा कि उनकी प्राथमिकता महिला मुक्केबाजी के विकास पर ध्यान लगाना होगी और साथ ही यह सुनिश्चित करना कि सहयोगी स्टाफ में ज्यादा से ज्यादा महिलायें हों।
उनकी टीम में संयुक्त सचिव गोवा के दानुष्का डिगामा होंगे। सिंह ने कहा, ‘‘हम प्रशासन और सहयोगी स्आफ दोनों में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे। ’’
खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ के पर्यवेक्षकों के साथ चुनावी प्रक्रिया की देखरेख के लिये एआईबीए पर्यवेक्षक – यूरी जायतेसव – भी उपस्थित थे।
सिंह ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण वर्ष है क्योंकि ओलंपिक जुलाई में होने हैं। हमारे रिकार्ड नौ मुक्केबाजों ने पहले ही क्वालीफाई कर लिया है। जून में होने वाले विश्व क्वालीफायर में हमें कुछ और की उम्मीद है। ’’
चुनावों को पिछले साल सितंबर में कराया जाना था लेकिन कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए दो बार स्थगित कर दिया गया। पिछले महीने उत्तर प्रदेश राज्य मुक्केबाजी संघ द्वारा याचिका दायर किये जाने के बाद यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंचा।
इसके बाद बीएफआई ने चुनावों और अपनी छठी सालाना आम बैठक के लिये तीन फरवरी की तारीख तय की। सिंह को पहली बार 2016 में हुए चुनावों में अध्यक्ष चुना गया था जिसमें भी एआईबीए का पर्यवेक्षक मौजूद था।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम और ओलंपिक पदक जीतें ताकि बच्चों को खेल में हिस्सा लेने के लिये प्रेरित किया जा सके। ’