पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) खिलाड़ियों की जान से खिलवाड़ कर रहा है। जी हां सही बात है। पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के घरेलू क्रिकेट के अंतर्गत कूच बिहार ट्रॉफी अंडर-19 मल्टी डेज क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है।
मैच खेला जा रहा है बिहार और ओड़िशा के बीच। सुरक्षा के दृष्टिकोण से वर्तमान समय में बड़े-बड़े मैचों की बात तो छोड़िए छोटे-छोटे मैचों से लेकर ट्रायल कैंप के दौरान एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाती है पर कूच बिहार ट्रॉफी के इस मैच में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के पदाधिकारियों को खिलाड़ियों की जान की परवाह नहीं है तभी तो इतने बड़े मैच के दौरान एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं की गई है।
खेलढाबा के संवाददाता ने सोमवार को मोइनुल हक स्टेडियम का दौरा किया। जहां से वर्तमान में इस परिसर के अंदर जाने का रास्ता है वहां से लेकर जहां इसका अंत होता है बस एक एम्बुलेंस दिखा। यह एम्बुलेंस बीसीए का नहीं यह एम्बुलेंस है वहां मेट्रो का काम कर रही कंपनी का।
जहां से खिलाड़ियों समेत अन्य को इंट्री होनी है यानी जेवीजी पवेलियन वहां पर बस और गाड़ियां तो खड़ी दिखीं पर एम्बुलेंस नहीं दिखा। इधर से लौटते समय कैंपस के अंदर उस एम्बुलेंस के बारे में कंपनी के कर्मचारियों से पूछा कि यह एम्बुलेंस किसका है तो कंपनी के लोगों का है यह कंपनी है। कंपनी ने एम्बुलेंस की व्यवस्था इसीलिए करा रखी है बदकिस्मती से कोई हादसा हो क्या तो।
क्रिकेट के जानकारों का कहना कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों को कैसे नहीं एम्बुलेंस की व्यवस्था करने का ख्याल रहा पता नहीं पर अगर बदकिस्मती से खिलाड़ी ही नहीं इस मैच से जुड़े लोगों को कुछ हो गया तो क्या होगा। इस मुद्दे पर बीसीए की प्रतिक्रिया आनी बाकी है।