टोक्यो। छह बार की विश्व चैंपियन एम सी मैरीकॉम (51 किग्रा) का दूसरा ओलंपिक पदक जीतने का सपना गुरुवार को यहां टोक्यो खेलों के प्री क्वार्टरफाइनल में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता इंग्रिट वालेंसिया से 2-3 से हारकर समाप्त हो गया।
यह विडम्बना ही है कि वह तीन में से दो राउंड जीतने के बावजूद हार गयी। मुकाबले के बाद 38 वर्षीय मैरीकॉम ने कहा कि नहीं पता कि क्या हुआ, पहले दौर में मुझे लगा कि हम दोनों एक दूसरे की रणनीति को भांपने की कोशिश कर रहे थे और इसके बाद मैंने दोनों राउंड जीते।
भारतीय मुक्केबाज पहले राउंड में 1-4 से पिछड़ गयीं जिसमें पांच में से चार जज ने 10-9 के स्कोर से वालेंसिया के पक्ष में फैसला किया। अगले दो राउंड में पांच में से तीन जजों ने मैरीकॉम के पक्ष में फैसला किया लेकिन कुल स्कोर फिर भी वालेंसिया के हक में रहा।

मणिपुरी ने तीसरा राउंड 4-1 के नहीं बल्कि 3-2 के अंतर से जीता था जबकि अपने हक में नतीजा करने के लिये उन्हें इसी स्कोर (4-1) की जरूरत थी। कई बार की एशियाई चैम्पियन और 2012 लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरीकॉम ने इस चुनौतीपूर्ण मुकाबले में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया लेकिन वह आगे नहीं बढ़ सकी जो 38 वर्षीय महान मुक्केबाज का अंतिम ओलंपिक मुकाबला होगा।
जब रेफरी ने मुकाबले के अंत में वालेंसिया का हाथ ऊपर उठाया तो मैरीकॉम की आंखों में आंसू थे और चेहरे पर मुस्कान थी। इस निराशा के बावजूद मैरीकॉम ने कहा कि उनकी अभी खेल से संन्यास लेने की कोई इच्छा नहीं है।