Saturday, February 22, 2025
Home TOKYO OLYMPIC किस्से 1908 ओलंपिक के : पहली बार विशेष रूप से स्टेडियम का किया गया निर्माण

किस्से 1908 ओलंपिक के : पहली बार विशेष रूप से स्टेडियम का किया गया निर्माण

by Khel Dhaba
0 comment

टोक्यो ओलंपिक शुरू होने में चंद दिन बचे हैं। इसी कड़ी में प्रस्तुत है वर्ष 1908 ओलंपिक की महत्वपूर्ण बातें

इन खेलों का आयोजन रोम में होना था लेकिन 1906 में वेसुवियस ज्वालामुखी पर्वत में हुए उग्र विस्फोट से नेपल्स शहर में काफी तबाही मचायी थी और वित्तीय संकट को देखते हुए इन्हें लंदन में आयोजित किया गया।

यह खेल 188 दिन तक चले थे। हालांकि आधिकारिक उद्घाटन समारोह 13 जुलाई तक नहीं हुआ लेकिन 1908 ओलंपिक खेल 27 अप्रैल को रैकेट प्रतियोगिता से शुरू हुए और हॉकी फाइनल के साथ 31 अक्टूबर को खत्म हुए।

पहली बार ओलंपिक के लिये विशेष रूप से एक स्टेडियम का निर्माण किया गया था। वाइट सिटी स्टेडियम खेलों के आकर्षण का केंद्र बन गया जिसमें दौड़ने के लिये ट्रैक ही नहीं बल्कि तरणताल, साइक्लिंग ओवल के अलावा कुश्ती और जिमनास्टिक्स मंच भी था।

इन्हीं खेलों में पहली बार ओलंपिक की तैराकी स्पर्धा खुले पानी में नहीं बल्कि 66,000 दर्शकों की क्षमता वाले स्टेडियम में हुई जो अपने पसंदीदा तैराक के लिये चीयर कर सकते थे। वहीं गोताखोरी के लिये भी एक विशेष मुड़ने वाली ‘टॉवर’ बनायी गयी थी।

लंदन ओलंपिक के दौरान पहली बार खिलाड़ी अपने राष्ट्रीय ध्वज के पीछे परेड में शामिल हुए। इसमें 13 जुलाई 1908 को किंग एडवर्ड सप्तम ने हिस्सा लिया था।

मैराथन 195 मीटर तक बढ़ायी गयी थी ताकि यह रेस ‘विंडसर महल’ की नर्सरी की खिड़की से शुरू होकर स्टेडियम के रॉयल बाक्स के सामने समाप्त हो सके। यह 42.195 किमी की दूरी बाद में 1924 ओलंपिक से आधिकारिक दूरी बन गयी।

जॉन टेलर पहले अश्वेत ओलंपिक स्वर्ण पदकधारी बने। वह अमेरिका की चार गुणा 400 मीटर स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे।

पुरुषों की एक शॉट की 100 मीटर दौड़ने की ‘डीयर स्पर्धा’ 1908 ओलंपिक में शुरू की गयी। इस स्पर्धा में हिरन के आकार का लक्ष्य था। स्पर्धा के हिसाब से निशानेबाज प्रत्येक दौड़ में एक या दो शॉट में निशाना लगाता था।

एथलेटिक्स स्पर्धा पहली बार शामिल की गयी, रिले को ‘ओलंपिक रिले’ पुकारा गया। खिलाड़ियों ने 200 मीटर, 400 मीटर और 800 मीटर की दौड़ में हिस्सा लिया।

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने ‘आस्ट्रालासिया’ के नाम से एक दल के रूप में प्रतिनिधित्व किया।

You may also like

Leave a Comment

खेलढाबा.कॉम

खेलढाबा.कॉम, खेल पत्रकार की सोच और बहुत सारे खेल प्रेमियों के सुझाव व साथ का परिणाम है। बड़े निवेश की खेल वेबसाइट्स की भीड़ में खेलढाबा.कॉम के अलग होने की यह भी एक बड़ी वजह है। तो, जिले-कस्बों से बड़े आयोजनों तक की कवरेज के लिए जुड़े रहें खेलढाबा.कॉम से।

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

Laest News

@2021 – All Right Reserved. Designed and Developed by PenciDesign

error: Content is protected !!
Verified by MonsterInsights