मुंबई। इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के आयोजकों ने रविवार को बताया कि प्रतिष्ठित क्लब ईस्ट बंगाल आगामी सत्र (2020) में इस फुटबॉल टूर्नामेंट में पदार्पण करेगा।
एक सदी पुरानी क्लब को देश की शीर्ष लीग में जगह दिलाने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममजा बनर्जी का हस्तक्षेप भी काम आया जो इसे लेकर काफी गंभीर थी।
नवंबर से शुरू होने वाले आईएसएल में एक सदी पुरानी इस क्लब के जुड़ने की संभावना तभी शुरू हो गयी थी जब कोलकाता के इसके नए निवेशक श्री सीमेंट लिमिटेड ने लीग में प्रवेश करने के लिए बोली दस्तावेज मंगाया था।
श्री सीमेंट लिमिटेड और ईस्ट बंगाल के गठजोड़ को श्री सीमेंट ईस्ट बंगाल फाउंडेशन के रूप में जाना जाता है जिसने एफएसडीएल (आईएसएल का संचालन करने वाली इकाई फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड) को बोली दस्तावेज सौंपे थे।
टूर्नामेंट में ईस्ट बंगाल 11वीं टीम होगी। इस घोषणा के बाद एफएसडीएल को अब टूर्नामेंट का कार्यक्रम बनाने में आसानी होगी। कोविड-19 महामारी के कारण इस साल इसका आयोजन गोवा के तीन स्थलों पर होगा।
मौजूदा परिस्थितियों में मैचों का आयोजन दर्शकों के बिना होगा लेकिन बंगाल के दो चिर-प्रतिद्वंद्वियों के इससे जुड़ना टूर्नामेंट को बड़े स्तर पर ले जाएगा।
आईएसएल में ईस्ट बंगाल का स्वागत करते हुए एफएसडीएल की अध्यक्ष नीता अंबानी ने कहा कि मोहन बागान के बाद उनके चिर- प्रतिद्वंद्वी ईस्ट बंगाल के इस टूर्नामेंट से जुड़ने के बाद यह भारतीय फुटबॉल में एक शानदार विकास है। मोहन बागान एटीके के साथ गठजोड़ कर आईएसएल से जुड़ा है।