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क्यों क्या खास है जर्मनी का फुटबॉल लीग बुंदेसलीगा

by Khel Dhaba
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मोहम्मद अफरोज उद्दीन
जर्मनी का फुटबॉल लीग बुंदेसलीगा शनिवार को शुरू हो रहा है। पूरी दुनिया में इसे लेकर लोग उत्सुक हैं। आखिर ऐसा क्या है कि खेल प्रेमी इसके पीछे पड़े हैं। असल में कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में खेल गतिविधियां ठप थीं। लेकिन इसके अब सामान्य होने के बाद जो सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता शुरू हो चुकी है वह यही बुंदेसलीगा है। इसी वजह से पूरी दुनिया की निगाहें इस तरफ लगी हुई हैं। बुंदेसलीगा दुनिया का सबसे बड़ा फुटबॉल लीग तो नहीं है, लेकिन यूरोप में इसकी गिनती इंग्लिश प्रीमियर लीग, स्पेन के ला लीगा और इटली के सीरी ए के बाद सबसे ज्यादा होती है। जाहिर है इन सबके बीच अगर बुंदेसलीगा शुरू हो रहा है तो लोग इसकी ओर नजर लगाएं हुए होंगे ही।

बुंदेसलीगा में फिलहाल बायर्न म्युनिख की टीम सबसे ऊपर है जिसके पास 25 मैचों में 55 अंक हैं। दूसरे स्थान पर बोरूसिया डॉर्टमंड की टीम है, जो 25 मैचों के बाद 51 अंक ले चुकी है। तीसरे स्थान पर आरबी लिपजीग है जिसने अब तक 25 मैचों में 50 अंक हासिल की हैं। इसके बाद बोरूसिया मोंगशेंग्लासबस के 49 और बायर लीवरकुसेन के 25 मैचों से 47 अंक हैं। जैसा कि सभी जानते हैं बुंदेसलीगा में 18 टीमें हैं और सभी को एक दूसरे से अपने मैदान और उनके मैदान पर मैच खेलना होता है। यानी सभी टीमों को 34 मैच खेलने होते हैं। इसके बाद ही चैंपियन टीम का फैसला होता है।

2019- 20 के सीजन का 26 वाँ मैच दिन होगा 16 मई है। बुंदेसलीगा का सीजन अगस्त में शुरू होता है और अगले साल मई में खत्म होता है। वर्तमान सीजन का समापन मई में होना था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण अब यह जून में समाप्त होगा। हो सकता है कुछ दिन आगे भी बढ़े। इसके मैच सप्ताह में दो और कभी 3 दिन होते हैं।

कोविड-19 की वजह से जब यह लीग दो माह बाद फिर शुरू हो रहा है, तो देखने वाली बात यह होगी कि अंत में चैंपियन कौन होता है। फिलहाल जो 5 टीमें ऊपर चल रही है उसी में से ही किसी के चैंपियन होने के ज्यादा आसार हैं। दर्शकों के लिए थोड़ी निराशा यह होगी कि अब उन्हें बाकी के मैच सिर्फ टीवी पर देखने को मिलेंगे, क्योंकि जो मैच स्टेडियम में खेले जाएंगे वह बिना दर्शकों के ही हो रहे हैं। इसमें सरकार और डब्ल्यूएचओ के दिशा निर्देशों के पालन किया जाएगा।

वर्तमान में देखें तो जिन खिलाड़ियों ने अब तक सबसे ज्यादा गोलकर सुर्खियां बटोरी हैं उसमें बायर्न म्युनिख के रॉबर्ट लेवांडोस्की 31 साल के है, उन्होंने अब तक 25 गोल किए हैं। दूसरे स्थान पर आरबी लिपजीग के 24 साल के टीमो वार्नर ने 21 गोल दागे हैं । डॉर्टमुंड के 20 साल के जादौन संचो ने 14 गोल किए हैं। वहीं 26 साल के रोबिन कवासन ने 12 गोल किए हैं। वह एफएसबी मेंज की तरफ से खेलते हैं। जबकि एफसी यूनियन बर्लिन के 28 साल के सेबस्टियन एंडरसन ने 11 गोल का योगदान किया है।

बुंदेसलीगा के रिस्टार्ट के पहले दिन का सबसे महत्वपूर्ण मुकाबला डॉर्टमुंड और एफसी शाल्के के बीच है। इसे एक तरह से डर्बी मैच समझा जाता है। भारत में जिस तरह से मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के मुकाबले को डर्बी मैच माना जाता है उसी तरह से बुंदेसलीगा का सबसे बड़ा डर्बी मैच 26 मई को होगा, जिसमें बायर्न म्यूनिख और बॉरूसिया डॉर्टमुंड अमने सामने होंगे।

बायर्न म्यूनिख को सबसे ज्यादा बार इस लीग को जीतने का गौरव है। वर्तमान चैंपियन इस टीम ने 28 बार लीग जीता है। क्लब की स्थापना सन् 1900 में हुई थी। डोर्टमुंड ने पांच बार और बोरुसिया मोंशेंग्गलाद को चार बार चैंपियन होने का गौरव है।

1962 में इस लीग के गठन होने के बाद पहला साल 1963 में लीग का खेला गया था। ईस्ट जर्मनी के विलय के बाद वहां के क्लब भी इसी लीग का हिस्सा हैं। लेकिन दुर्भाग्य से अब तक ईस्ट जर्मनी का कोई भी क्लब बुंदेसलीगा नहीं जीत पाया है।

जब से बुंदेसलीगा शुरू हुआ है तब से केवल एक क्लब ही इसमें लगातार खेलता आया है। परंतु इस सीजन में इस क्लब को इसमें खेलने का मौका पहली बार नहीं मिला क्योंकि उसे पिछले सीजन में डिवीजन टू में रेलेगेटे होना पड़ा था। यह क्लब है हैमबर्गर एसवी। इसे तीन बार लीग चैंपियन होने का गौरव हासिल है।

बहरहाल बुंदेसलीगा का चैंपियन कौन बनेगा यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन डॉर्टमुंड और म्यूनिख के बीच जोरदार टक्कर है। बायर्न म्यूनिख ने सीजन की शुरुआत धीमी की थी, लेकिन बाद में यह टीम आक्रामक हो गई। इसने पिछले 11 में से लगातार 10 मैच जीते हैं, एक मैच ड्रॉ रहा था। अब देखना है कि 23 मैचों में खेलने के बाद 25 गोल करने वाले रॉबर्ट लेवांडावाकी अपनी टीम को फिर चैंपियन बना पाते हैं कि नहीं।

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