पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मीडिया कमेटी पूर्व सदस्य सह वरीय क्रिकेटर कृष्णा पटेल ने गुरुवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सीओए के द्वारा बिहार क्रिकेट के लिए बनाई गई सुपरवाइजरी कमेटी के चेयरमैन आलोक कुमार (एसीयू, बीसीसीआई) से मुलाकात कर अपनी बात रखी।
उन्होंने बुके देकर आलोक कुमार का स्वागत किया और अपना ज्ञापन सौंपा। इस मुलाकात के बारे में कृष्णा पटेल ने बताया कि 18 वर्षों के बाद बिहार को पूर्ण मान्यता के तहत रणजी ट्रॉफी सहित सभी आयु वर्गों में बीसीसीआई ने खेलने की खुली आजादी दे दी लेकिन कुछ लोग जो बिहार में क्रिकेट का संचालन कर रहे थे उन लोगों के काले कारनामों के कारण आज जो स्थिति उत्पन्न हुई है उससे सबसे ज्यादा नुकसान खिलाड़ियों का हो रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रबंधन ये लोग बिहार में घरेलू क्रिकेट कराने से लेकर सेलेक्शन तक धांधली करते हैं। टीम चयन में मनमानी करते हैं। यहां गरीब प्रतिभावान खिलाड़ियों को देखने वाला कोई नहीं हंै आज उसी खिलाड़ियों का ट्रायल लिया जाता है जिसकी पहुंच पैसा या पैरवी पर होता हो। कई ऐसे प्रतिभावान क्रिकेटर हैं जिनको ट्रायल देने भी नहीं दिया जा रहा है।
कृष्णा पटेल ने आलोक कुमार आग्रह करते हुए कहा कि बिहार क्रिकेट में फैले व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए। साथ ही साथ प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भी अपना भविष्य बनाने का अवसर प्रदान करें। कृष्णा पटेल के साथ प्लेयर्स एसोसिएशन ऑफ एंटी-करप्शन के सचिव राजीव रंजन थे।
कृष्णा पटेल ने जिन विंदुओं पर आलोक कुमार का ध्यान आकृष्ट कराया है वह इस प्रकार है-
1.खिलाड़ियों को बीसीसीआई से निबंधित होने के लिये एक ओपेन पोर्टल खोला जाय जिससे खिलाड़ी खुद से निबंधन करा सकें इसके लिये कुछ शुल्क भी निर्धारित किया जाय जो बीसीसीआई के खाते में देय हो।
2. वर्तमान समय में बीसीए के गोपाल बोहरा गुट के द्वारा चयनित टीम बीसीसीआई के सीओए और आपकी की कमिटी की अवहेलना है जिसमें कई उदीयमान और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को ट्रायल देने से भी वंचित रखा गया है जिसे निरस्त कर आपकी की कमिटी द्वारा ओपेन ट्रायल लिया जाय।
3.बीसीसीआई ने स्वीकार किया है की बीसीए दो गुट में विभाजित है और सक्षम न्यायालय से आदेश लाने को कहा है ऐसी स्थिति में एक गुट द्वारा जिस पर कई गंभीर आरोप लगे हैं टीम गठित करना बीसीसीआई के कुछ खास पदाधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर रही है और अगर ऐसा हुआ तो देश के प्रधानमंत्री महोदय से सीबीआई जांच की मांग भी करूंगा।
4.बिहार में क्रिकेट का संचालन कराने के लिये आपकी कमिटी को पूरा समर्थन और सहयोग सभी क्रिकेट प्रेमियों और क्रिकेटरों द्वारा दिया जायेगा जो बिहार में क्रिकेट को सुचारू रूप से आगे बढ़ते देखना चाहते हैं साथ ही साथ हमारी पूरी युवा टीम आपके साथ है।
5.खिलाड़ी गरीब हो या अमीर, बिहार क्रिकेट जगत में बैठे पदाधिकारियों का बेटा हो या किसी गरीब किसान-मजदूर का बेटा, चयन प्रतिभाओं का होना चाहिए पैसों और पैरवी का नहीं इसके लिये विभिन्न जिलों में आयोजित लीग मैचों का परफॉरमेंस रेकॉर्ड डाटा के आधार पर ट्रायल लिया जाय और बीसीसीआई के पास भी डिटेल भेजने की व्यवस्था हो।