नॉटिंघम, 28 जून। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने शनिवार को टी20 अंतरराष्ट्रीय शृंखला के पहले मुकाबले में इंग्लैंड को 97 रन से हराकर जोरदार आगाज किया। यह मुकाबला कार्यवाहक कप्तान स्मृति मंधाना की शानदार शतकीय पारी और पदार्पण कर रहीं युवा स्पिनर श्री चरणी की घातक गेंदबाजी के नाम रहा। इस जीत के साथ भारत ने पांच मैचों की टी20 श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली है।
मंधाना का बल्ला बोला–रचा इतिहास
टीम की कमान इस मुकाबले में हरमनप्रीत कौर की अनुपस्थिति में स्मृति मंधाना ने संभाली और उन्होंने अपने नेतृत्व को बल्ले से साबित करते हुए टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला शतक जड़ा। मंधाना ने सिर्फ 62 गेंदों में 15 चौके और 3 छक्कों की मदद से 112 रन बनाए। इसके साथ ही मंधाना भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं, जिन्होंने टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों प्रारूपों में शतक जड़ा है। यह पारी भारत की ओर से महिला टी20 क्रिकेट में अब तक की सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत पारी है। उन्होंने इस मामले में हरमनप्रीत कौर के 103 रन को पीछे छोड़ा।
भारत का अब तक का सबसे बड़ा टी20 स्कोर
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 20 ओवर में 5 विकेट पर 210 रन बनाए, जो इंग्लैंड में भारत की महिला टीम का सबसे बड़ा टी20 स्कोर है। शुरुआत में मंधाना और शेफाली वर्मा (20 रन) ने तेज़ी से रन जोड़ते हुए पहले विकेट के लिए 8.3 ओवर में 77 रन जोड़े। इसके बाद मंधाना और हरलीन देओल (43 रन , 23 गेंद) के बीच 94 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई। हरलीन को जीवनदान भी मिला, जब उन्हें 26 के स्कोर पर एलिस कैप्से की गेंद पर कैच छोड़ दिया गया।
श्री चरणी का ड्रीम डेब्यू –इंग्लैंड की कमर तोड़ी
लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की शुरुआत बेहद खराब रही। टीम पर भारतीय गेंदबाजों ने शुरू से ही दबाव बना दिया। 20 साल की बाएं हाथ की स्पिनर श्री चरणी ने अपने पहले ही अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में 3.5 ओवर में मात्र 12 रन देकर 4 विकेट झटके। उन्होंने इंग्लैंड की मिडल ऑर्डर को तहस-नहस कर दिया और मेज़बान टीम को वापसी का कोई मौका नहीं दिया। दीप्ति शर्मा (2 विकेट), राधा यादव (2 विकेट), अमनजोत कौर और अरूंधती रेड्डी (1-1 विकेट) ने भी इंग्लिश पारी को बिखेरने में योगदान दिया। इंग्लैंड की पूरी टीम सिर्फ 14.5 ओवर में 113 रन पर ढेर हो गई। यह महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इंग्लैंड की अब तक की सबसे बड़ी हार है।
रणनीति और आत्मविश्वास का मेल
इस जीत ने दिखा दिया कि भले ही भारत अपनी नियमित कप्तान हरमनप्रीत कौर के बिना मैदान में उतरा हो , लेकिन टीम की गहराई और नेतृत्व क्षमता किसी से कम नहीं। मंधाना ने जहां नेतृत्व और बल्लेबाज़ी में संतुलन बनाए रखा, वहीं युवा खिलाड़ियों ने भी मौके का भरपूर फायदा उठाया। मंधाना की कप्तानी में टीम का संतुलन बेहतर नज़र आया। आक्रामक बल्लेबाज़ी , सही समय पर गेंदबाज़ों का इस्तेमाल और फील्डिंग में फुर्ती ने भारत को मैच में पूरी तरह हावी बना दिया।