नई दिल्ली, 1 जुलाई। भारत को 2047 तक विश्व खेलों की शीर्ष 5 शक्तियों में शामिल करने की महत्वाकांक्षी योजना के तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को खेलो भारत नीति 2025 को औपचारिक मंजूरी दे दी है। यह नीति राष्ट्रीय खेल नीति 2001 की जगह लेगी और इसे देश के समग्र खेल पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने वाला ‘मार्गदर्शक दस्तावेज़’ माना जा रहा है।
नीति का उद्देश्य सिर्फ अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन को सुधारना नहीं है, बल्कि इसे भारत की शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और आर्थिक विकास से भी जोड़ना है। साथ ही यह नीति 2036 ओलंपिक की मेजबानी के सपने को साकार करने की दिशा में एक ठोस आधार तैयार करेगी।
मुख्य उद्देश्य और विज़न
भारत को 2047 तक शीर्ष 5 खेल राष्ट्रों में लाना
2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और संसाधनों का विकास
खेलों के ज़रिए सामाजिक समावेश, युवाओं का सशक्तिकरण और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देना
खेलों को शिक्षा और आर्थिक प्रगति से जोड़ना
नीति के प्रमुख स्तंभ
1. खेल और शिक्षा का समावेश:
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, खेलों को स्कूली पाठ्यक्रम का आवश्यक हिस्सा बनाया जाएगा।
शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा।
खेल शिक्षा और खेल मनोविज्ञान को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
2. समानता और समावेशिता:
महिलाओं, LGBTQ+ समुदाय, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और आदिवासी समुदाय को खेलों में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
सुलभ और समावेशी खेल सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
3. बुनियादी ढांचा और आयोजन:
ओलंपिक स्तर की सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा।
देशभर में खेल परिसर, हाई परफॉर्मेंस सेंटर और खेल अकादमियों की स्थापना।
अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की मेज़बानी को बढ़ावा देना।
4. वित्तपोषण और निजी भागीदारी:
पीपीपी (सरकारी-निजी भागीदारी) और सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के माध्यम से नवीन वित्तपोषण तंत्र विकसित किया जाएगा।
लीग संस्कृति को सभी खेलों में बढ़ावा मिलेगा।
सरकारी वक्तव्य और विचार
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा,
“हमने पिछले 10 वर्षों के अनुभव को आधार बनाकर यह नीति तैयार की है। इसका मुख्य लक्ष्य भारत को 2047 तक टॉप-5 खेल देशों में शामिल करना है। यह नीति सिर्फ खिलाड़ियों के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे “परिवर्तनकारी नीति” करार देते हुए कहा:
“यह ऐतिहासिक नीति जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति को मजबूत करने, बुनियादी ढांचे के विकास और खिलाड़ियों के समर्थन के लिए एक रणनीतिक खाका प्रस्तुत करती है।”
निजी क्षेत्र की भूमिका और संवाद
खेल मंत्री मांडविया ने खुलासा किया कि उन्होंने 40 से अधिक निजी कंपनियों से संवाद किया है, जो व्यक्तिगत ओलंपिक खेलों को अपनाने और समर्थन देने के लिए इच्छुक हैं।
खेल मंत्रालय हर खेल के लिए एक प्रोफेशनल लीग संरचना पर भी कार्य कर रहा है।
खेल, पर्यटन और आर्थिक विकास का मेल
सरकार की योजना है कि खेलों को सिर्फ प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं बल्कि पर्यटन और आर्थिक विकास का इंजन भी बनाया जाए।
“जैसे लोग आईपीएल या फुटबॉल देखने देशभर में यात्रा करते हैं, वैसे ही बड़े खेल आयोजन पर्यटन को बढ़ावा देंगे,” वैष्णव ने कहा।
निगरानी और मूल्यांकन
खेलो इंडिया यूनिवर्सल पोर्टल के ज़रिए प्रदर्शन की निगरानी
खिलाड़ियों, कोचों, संस्थानों और योजनाओं के डेटा आधारित मूल्यांकन
खेल संघों और राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग प्रणाली