Sunday, August 3, 2025
Home बिहारक्रिकेट चर्चा है Bihar Cricket Association के क्रिकेट ऑपरेशन विंग में वर्चस्व की जंग!

चर्चा है Bihar Cricket Association के क्रिकेट ऑपरेशन विंग में वर्चस्व की जंग!

बात तेरा-मेरा टूर्नामेंट तक पहुंचीं, सुलह सफाई की भी है चर्चा

by Khel Dhaba
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पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में होने वाले बीसीए अंडर-19 ट्रेनिंग कैंप के लिए चयनित खिलाड़ियों की सूची।

पटना, 4 अप्रैल। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के क्रिकेट ऑपरेशन विंग में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस विंग के अधिकारियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई। बात तेरा और मेरा तक पहुंच गई है। तेरा और मेरा का मतलब है यह आपका टूर्नामेंट और यह मेरा टूर्नामेंट।

 

विश्वसत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 3 अप्रैल को मोइनुल हक स्टेडियम में प्रेसिडेंट कप को लेकर इन दोनों अधिकारियों की अच्छी खासी बहस हुई और उस समय एक अधिकारी ने दूसरे को कहा कि यह आपका टूर्नामेंट और यह मेरा टूर्नामेंट। सूत्र बताते है कि प्रेसिडेंट कप के नियमों को लेकर दोनों अधिकारियों के मत अलग-अलग हैं और इसे लेकर दोनों के बीच यह बहस हुई।

 

क्रिकेट जानकारों का कहना है कि यह बहस अगर सौहार्दपूर्ण है तो अच्छी बात है। इससे विचारों का आदान प्रदान होगा पर अगर वर्चस्व को लेकर और तेरा या मेरा वाली बात है तो यह गलत है। कोई भी आयोजन अधिकारियों का नहीं होता है वह संस्था का होता है।

ऐसे खबर निकल कर सामने आ रही है कि इन दोनों अधिकारियों के बीच सुलह सफाई बड़े पदाधिकारियों के द्वारा कराया जा रहा है।

 

अब बात उस टूर्नामेंट की जिसे लेकर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने बड़ी घोषणा की थी। जी हां प्रेसिडेंट कप।

 

ऐसे प्रेसिडेंट कप को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। पहला सवाल यह अगर यह टूर्नामेंट है (जैसा बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की घोषणा है) तो इसका कोई प्लेइंग कंडिशन यानी नियम-कानून तो जरूर होना चाहिए।

 

दूसरा जब बीसीए के द्वारा घोषणा की गई थी कि यह टूर्नामेंट 90-90 का होगा तो याशवन स्पोट्र्स क्रिकेट एकेडमी पर बीसीए सी बनाम बीसीए डी के बीच जो मैच खेला गया उसमें एक पक्ष को 97 ओवर खेलने का मौका क्यूं दिया गया। अगर ऐसा है कि जैसा वक्त वैसा नियम तो कोई बात नहीं।

 

दो दिनों के मैच वाला यह टूर्नामेंट कोई औपचारिक प्रतियोगिता है या फिर महज ट्रायल या किसी अधिकारी का अपना एक्सप्रीमेंट। मान लें कि यह सबकुछ है तो तो क्या इसमें किया गया प्रदर्शन बिहार टीम के चयन का आधार होगा।

 

प्रदर्शन के आधार पर चयन का जो सवाल उठ रहा है वह इसीलिए कि पिछली यादें ताजा हो जाती हैं। अगर उन यादों को ताजा नहीं करने देना है तो अब तक चयन को लेकर जो विसंगितयां दिखती रही हैं, उससे आगे जाना होगा।

 

क्रिकेट जानकार यह भी कहते हैं कि अगर सभी खिलाड़ियों की प्रतिभा की परख करनी थी तो टीमों की संख्या बढ़ा कर सब में केवल 11 नहीं तो 12 प्लेयर रखना चाहिए था।

 

सवाल यह भी उठ रहा है कि चलिए 10 गेंदबाजों को आपने ट्राई कर लिया। मगर बैटिंग करने वाली टीम का  कोई दो या तीन खिलाड़ी 90 ओवर तक टिका रह गया तो बाकी बैटरों की परख कैसे होगी।

 

क्रिकेट जानकार अंत में इसी निष्कर्ष पर पहुंचते है कि जो भी कराना हो, उसका एक नियम कानून यानी प्लेइंग कंडीशन जरूर बना चाहिए। संस्था अपने नियमानुसार कराये पर जो घोषणा हो उस पर अमल होना चाहिए।

ऐसे खबर निकल कर सामने आ रही है कि प्रेसिडेंट कप को लेकर जो विसंगतियां निकल कर सामने आई हैं उसे दूर करने के लिए एक बैठक बुलाई गई है।

 

 

 

 

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