कुंदन श्रीवास्तव (प्रमुख संवाददाता)
बदली-बदली सी है राजगीर की फ़िज़ा। हर तरफ़ ख़ालिश हॉकी-हॉकी-हॉकी की ही गुंज सुनाई दे रही है। जिसको भी देखिए बस उसके दिल ओ दिमाग़ पर सिर्फ़ व सिर्फ़ हॉकी का सुरुर छाया हुआ है।
सर्दियों की दस्तक़ के साथ-साथ पहली मर्तबा यहां हॉकी की औपचारिक इंट्री होने जा रही है। अगले कुछ दिनों तक बिहार के नालंदा जिला के 5 पहाड़ियों से घिरे राजगीर की फ़िज़ाओं में सिर्फ़ और सिर्फ़ हॉकी स्टिक की खनखनाहट ही सुनाई देंगी। जो हाथ चुड़ियों की सुरीली खनखनाहटों के लिए जानी जाती हैं अब उन्हीं हाथों से हॉकी स्टिक की मधुर आवाज़ें सुनाई देंगी।
राजगीर( नालंदा) की ऐतिहासिक सरज़मीं को गौरवान्वित करतीं सदियों पुरानी गौरवशाली धरोहरों को अपलक निहारतीं एशियाई मुल्कों से आईं वीमेंस खिलाड़ियों के चेहरे के तास्सुर्रात देखते ही बनते थे। अब सोमवार यानी 11 नवंबर, 2024 से इन्हीं एशियाई देशों की हॉकी खिलाड़ियों के हाथों में हॉकी स्टिक नज़र आएंगी और उन चेहरों पर मुस्कुराहटों के लिए खोजती वज़हों की लक़ीरें आपको दिख भी जाएंगी।
पूरी दुनिया में पर्यटन के लिए मशहूर राजगीर ( नालंदा) में नवनिर्मित खेल एकेडमी हॉकी एरिना में 11 नवंबर, 2024 यानी सोमवार से वीमेंस एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी चैम्पियनशिप का आगाज़ होने जा रहा है। इस क़ित्ते का कोना-कोना रंगीनियों में डूबा इतराता नज़र आ रहा है।
खेल एकेडमी परिसर की तरफ़ जानेवाले तमाम रास्तों, वहां के दर ओ दीवार पर पर बिहार की ऐतिहासिक धरोहरों की कलाकृतियों को पेंटिंग के ज़रिए जितनी ख़ुबसूरती के साथ उकेरा गया है,देखते ही बनता है। बिहार में पहली बार हॉकी का इतना बड़ा इवेंट और वो भी नए नेशनल खेल परिसर में भला कौन इस पल को अपने ज़ेह्न में क़ैद करना नहीं चाहेगा। खेलढाबा.कॉम इस बड़े इवेंट के पल-पल की खबर आपके पास पहुंचाता रहेगा।
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