पटना। हिंदआवाज और खेलढाबा ने संयुक्त रूप से वीडियो शृंखला शुरू की है। इस वीडियो शृंखला में बिहार समेत अन्य राज्यों की वैसी खेल हस्तियों बारे में हम आपको बताते हैं जिन्होंने अपने प्रदर्शन से या तो अपने राज्य की टीम में जगह बना ली है या फिर टीम में जगह बनाने के लिए लगातार दस्तक दे रहे हैं। या फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इसी कड़ी में आज हम चर्चा करे रहे हैं बिहार के उभरते स्टार ओपनर बैट्समैन पीयूष कुमार सिंह तो आइए जानते हैं पीयूष कुमार सिंह के बारे में ढेर सारी बातें इस वीडियो के माध्यम से-
पिता बनाना चाहते थे बड़ा अफसर
घर में था पढ़ाई का माहौल तभी तो इंजीनियर पिता अजय कुमार सिंह ने अपने बेटे पीयूष कुमार सिंह को बढ़ा अफसर (इंजीनियर या डॉक्टर) बनाने के इरादे राजधानी पटना के बेहतरीन स्कूल डीपीएस में नामांकन कराया पर बेटे पीयूष कुमार सिंह के मन में कुछ और चल रहा था।
पीयूष को था क्रिकेट से प्यार
पीयूष कुमार सिंह को घर में खेल का माहौल नहीं होते भी क्रिकेट के प्रति रूचि थी और वे प्लास्टिक की बॉल से घर में दोस्तों व भाईयों के साथ क्रिकेट खेला करते थे। बचपन में प्लास्टिक बॉल से क्रिकेट खेलने का शौक धीरे-धीरे परवान चढ़ा।
टीवी पर मैच देखने से बढ़ी रूचि
इस रूचि को थोड़ी हवा मिली टीवी पर क्रिकेट मैच देखने और क्रिकेटरों के बारे में पढ़ने से और फिर क्या था पीयूष कुमार सिंह ने क्रिकेट को अपना कैरियर बनाने का फैसला कर लिया। पिता अजय कुमार सिंह और माता संजू देवी ने बेटे के हौसले को बुलंद किया।
क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार में सीखी क्रिकेट की एबीसीडी
चार मई 2001 को पटना में जन्में पीयूष कुमार सिंह ने वर्ष 2011 यानी दस साल की उम्र में क्रिकेट के विशेष गुर सीखने के लिए पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार की ओर रुख किया। भारतीय युवा क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अमिकर दयाल के दिशा-निर्देश में चलने वाली इस एकेडमी में इन्होंने दो साल तक क्रिकेट के गुर सीखे।
वर्तमास समय में क्रिकेट एकेडमी ऑफ पठांस में करते हैं अभ्यास
इसके बाद वे इसी परिसर में चलने वाली क्रिकेट एकेडमी ऑफ पटना की ओर रूख किया और वहां भी कुछ देर ट्रेनिंग ली और इसके बाद फिर वेटनरी कॉलेज के ग्राउंड पर चलने वाली क्रिकेट एकेडमी में क्रिकेट के गुर सीखा। वर्तमान समय में वे जगजीवन स्टेडियम में चलने वाली क्रिकेट एकेडमी ऑफ पठांस में अभ्यासरत हैं।
स्कूली टूर्नामेंटों में भी रहा है पीयूष का शानदार परफॉरमेंस
राजधानी पटना के नामी स्कूल डीपीएस में स्कूली शिक्षा ग्रहण करने वाले पीयूष कुमार सिंह के खेल का ग्राफ दिनों-दिन आगे बढ़ता गया। कई स्कूली टूर्नामेंट में इन्होंने कई शानदार पारी खेली।
वर्ष 2014 में मिली बिहार टीम में जगह
आखिरी वह दिन आ गया जिसका इंतजार सबको रहता है। अपने जिला, राज्य या देश की टीम की जगह पाना। वर्ष 2014 में रांची में बीसीसीआई के एसोसिएट सदस्यों के लिए आयोजित टूर्नामेंट में बिहार ने हिस्सा लिया और पीयूष भी उस टीम के सदस्य रहे। इस टूर्नामेंट में बिहार की टीम चैंपियन बनी थी जिसमें पीयूष का भी अहम योगदान रहा।
पीडीसीए लीग के रह चुके हैं टॉप स्कोरर
पटना जिला क्रिकेट लीग में उनका परफॉरमेंस शानदार रहा। उन्होंने सीनियर डिवीजन लीग खेल कर पटना जिला क्रिकेट लीग में अपना डेब्यू किया। वे पेसू की ओर से खेलते हैं। वे लगातार तीन साल तक पटना जिला सीनियर डिवीजन क्रिकेट लीग के टॉप स्कोरर रहे।
बिहार अंडर-23 टीम के रह चुके हैं सदस्य
बिहार में क्रिकेट का माहौल लौटा तो पीयूष कुमार सिंह ने बिहार टीम में जगह पाने की दस्तक दी। उनके शानदार खेल की बदौलत उन्होंने सत्र 2017-18 में अंडर-23 टीम में जगह मिली। जोनल टूर्नामेंट में पीयूष ने कुल 300 रन बनाये। चार अर्धशतक जमाये जिसमें तीन में वे नाबाद रहे। इस टूर्नामेंट में बिहार की ओर से टॉप स्कोरर रहे। पूरे इंडिया में सातवें नंबर पर थे।
सत्र 2018-19 व 2019-20 में शानदार खेल दिखाया
अगले सीजन में पीयूष कुमार सिंह को बिहार अंडर-19 में जगह मिली और उन्होंने वीनू मांकड़ ट्रॉफी में शानदार बैटिंग किया और कुल 534 रन बनाये। इसमें दो शतक और तीन अर्धशतक शामिल है। पीयूष कुमार सिंह इस सीजन में इंडिया में टॉप स्कोरर रहे।
एनसीए से जेडसीए कैंप में लिया है हिस्सा
इस टूर्नामेंट में किये बेहतरीन परफॉरमेंस के आधार पर पीयूष कुमार सिंह का सेलेक्शन इंडिया रेड टीम में हुआ। साथ ही एनसीए जोनल मैच में मौका मिला। एनसीए जोनल मैच में पीयूष कुमार सिंह ने 10 मैच में 400 रन बनाये। सत्र 2018-19 में जेडसीए कैंप के लिए भी हुआ। इसी सत्र में पीयूष कुमार सिंह ने मुश्ताक अली ट्रॉफी में भाग लेने वाली बिहार टीम के सदस्य रहे।
इंडिया अंडर-19 के कैंप में भी हुए शामिल
पीयूष कुमार सिंह के बल्ले की आवाज दिनों-दिन बढ़ता चला गया। वर्ष 2019-20 में कूच बिहार अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट में वे बिहार के टॉप स्कोरर रहे। इसके आधार पर उनका सेलेक्शन इंडिया अंडर-19 कैंप के लिए हुआ।
शुरू से सलामी बल्लेबाजी
पीयूष कुमार सिंह शुरू से सलामी बल्लेबाजी करते हैं। वे कहते हैं कि उन्हें सलामी बल्लेबाजी करने में मजा आता है। वे कहते हैं कि सलामी बल्लेबाजों पर बड़ी जवाबदेही होती है क्योंकि शुरुआत अच्छी होगी तो आगे भी अच्छा होगा। वे कहते हैं मेरे लिए कोई न कमजोर कड़ी है और कोई मजबूत कड़ी। सब एक समान।
क्रिकेट के कारण पढ़ाई में कई बार डांट पड़ी
क्रिकेट के कारण स्कूल में कई बार शिक्षकों की डांट होमवर्क को लेकर पड़ी। वे कहते हैं कि मैच खेलने के जूनुन को लेकर कई बार होमवर्क नहीं कर पाते थे पर शिक्षकों की डांट हमारी शानदार बैटिंग के आगे फीकी पड़ जाती है।
फिर भी पढ़ाई में रहा है शानदार परफॉरमेंस
क्रिकेट के प्रति जूनुन के बाद भी पीयूष कुमार सिंह ने पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने कॉमर्स से इंटरमीडिएट की परीक्षा अच्छे नंबर से पास किया और आगे वे इसी विषय वे स्नातक करेंगे।
कहा कहते हैं पीयूष
पीयूष कहते हैं कि हर कोई की चाहत होती है कि वह अपने देश का प्रतिनिधित्व करे वैसे मेरी भी चाहत है। फिलहाल तो बिहार के सीनियर टीम यानी रणजी, विजय हजारे और मुश्ताक अली ट्रॉफी टीम में अपनी जगह पक्की करना चाहता हूं। जब अपने राज्य की ओर से बेहतर खेलूंगा तभी देश की टीम में जगह होगी। इन सबों के लिए मेहनत कर रहा हूं। बाकी ईश्वर की मर्जी।
क्या कहते हैं पिता अजय कुमार सिंह
मुझे अपने बेटे के टैलेंट पर विश्वास है वह बेहतर करेगा। हमारा तो मानना है कि ईमानदारी और दृढ़संकल्प से कोई मेहनत करेगा तो उसे सफलता जरूर मिलेगी।