नईदिल्ली। श्रीलंकाई पुलिस ने शुक्रवार को 2011 में भारत और श्रीलंका के बीच हुए विश्व कप फाइनल की मैच-फिक्सिंग जांच को सबूतों की कमी के चलते बंद कर दिया है। उन्होंने साफ-साफ कहा है कि ऐसा कोई सबूत नहीं पाया गया है जो साबित करता हो कि श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने भारत को जिताने में मदद की थी।
बता दें कि इस जांच में श्रीलंका के कई दिग्गज खिलाड़ियों से पूछताछ की गई थी। इसमें पूर्व कप्तान अरविंद डी सिल्वा, पूर्व सलामी बल्लेबाज उपुल थरंगा और 2011 में फाइनल में टीम की कप्तानी करने वाले कुमार संगकारा शाामिल हैं।
गौरतलब है कि श्रीलंका के पूर्व खेल मंत्री महिंदानंदा अलुथगामगे ने आरोप लगाए थे कि दो अप्रैल 2011 को खेला गया फाइनल फिक्स था। उन्होंने हालांकि इसके संदर्भ में कोई ठोस सबूत नहीं दिए थे। इन आरोपों की वजह से विशेष जांच समिति ने श्रीलंका के दिग्गज बल्लेबाज अरविंद डिसिल्वा और उस मैच में पारी का आगाज करने वाले उपुल थरंगा के बयान भी दर्ज किए हैं।
डिसिल्वा उस समय चयन समिति के अध्यक्ष थे। जांच इकाई ने 24 जून को अलुथगामगे के बयान दर्ज किए थे जिन्होंने कहा था कि उनका शुरुआती बयान सिर्फ एक संदेह था जिसकी वह विस्तृत जांच चाहते हैं। यही नहीं जांच के मद्देनजर श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा ने गुरुवार को विशेष जांच समिति को 10 घंटे तक बयान दर्ज कराए।
सबूतों की कमी के चलते श्रीलंका पुलिस ने बंद की 2011 World Cup फाइनल फिक्सिंग जांच
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