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Sunday, September 8, 2024

खेल मंत्री के वादे ताक पर, खेल प्राधिकरण ने Sports Calendar में किया राज्य संघों को इग्नोर

पटना, 17 जुलाई। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण ने सत्र 2024-25 के लिए खेल कैलेंडर का प्रारुप तैयार कर लिया है और इसे मंजूरी के लिए प्राधिकरण के महानिदेशक की सहमति और हस्ताक्षर से खेल विभाग के प्रधान सचिव के पास भेजा गया है। इस खेल कैलेंडर में प्रखंड से लेकर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के साथ साथ राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता तक की सारी जानकारी (तिथि, स्थान,आयोजन समिति, दिशा निर्देश,खर्च की जानी वाली राशि ) दी गई है। जिला स्तरीय विद्यालय खेल प्रतियोगिता 18 अगस्त से 28 अगस्त, 2024 तक सम्पन्न कराये जायेंगे एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन 02 सितम्बर से 10 अक्टूबर 2024 तक तथा सुब्रतो मुखर्जी फुटबॉल एवं मेजर ध्यानचंद हॉकी जिला स्तरीय प्रतियोगिता 01-08 जुलाई तक तथा राज्य स्तरीय प्रतियोगिता 13-31 जुलाई 2024 तक सम्पन्न कराये जायेंगे। खेल कार्यक्रम 2024-25 पर कुल 20 करोड़ छियानवे लाख नब्बे हजार पांच सौ बीस रुपए मात्र का बजट है। इस प्रस्तावित खेल कैलेंडर कई तरह की खामियां हैं। खेलढाबा.कॉम को इसके बारे में विस्तार से बता रहा है।

राज्य खेल संघों को किया गया है इग्नोर

एक तरफ राज्य के खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने हाल में खेल संघों के साथ आयोजित बैठक में कहा था कि सरकार खेल संघों के साथ मिल कर राज्य में खेल का विकास करायेगी। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण ने सूबे के खेल मंत्री के बातों को ताक पर रख कर राज्य के खेल संघों को अपने खेल कैलेंडर में कहीं जगह नहीं दी है। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए बनाई गई आयोजन समिति में राज्य संघ के किसी पदाधिकारी को नहीं रखा गया है। जिस जिला में राज्य स्तरीय खेल आयोजित होगी वहां के मात्र संबंधित खेल के जिला संघ के अध्यक्ष या सचिव को आयोजन समिति में सदस्य रखा जाना है। वहीं जिला स्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन समिति में खेल संघों के राज्य या जिला स्तर का कोई पदाधिकारी आयोजन समिति का सदस्य नहीं होगा।

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आयोजन समिति में पूर्व खिलाड़ी, शारीरिक शिक्षा शिक्षक एवं प्रशिक्षक भी नहीं

हमेशा से खेल कैलेंडर में जिला से लेकर राज्य स्तर की आयोजन समितियों में प्रशिक्षक, खिलाड़ी और शारीरिक शिक्षकों को शामिल किया जाता रहा है पर इस वर्ष बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा बनाये गए खेल कैलेंडर में इन्हें दरकिनार किया गया है। न तो जिला और न ही राज्य की आयोजन समिति में इन्हें जगह दी गई है। कुल मिला कर तकनीकी पक्ष को पूरे तरीके से इग्नोर किया गया है। जिला स्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन समिति पर गौर करें तो कोई भी खेल का तकनीकी विशेषज्ञ नहीं है।

प्रखंड लेवल आयोजन कौन करायेगा

इस खेल कैलेंडर में इस बात जिक्र जरूर है कि प्रखंड लेवल पर होने वाले आयोजन में प्रति प्रखंड 20 हजार रुपए दिये जायेंगे पर वहां आयोजन किसके द्वारा कराया जायेगा। प्रखण्ड लेवल खेल की आयोजन समिति क्या होगी, आयोजन के लिए क्या नियम और दिशा निर्देश होगा। इसकी जानकारी खेल कैलेंडर में कहीं दिख नहीं रहा है। यानी यह समझा जाए कि पैसा देकर भूल जाइए या किसी तरह केवल खानापूर्ति कर ली जाए।

क्रिकेट को तरजीह

इस खेल कैलेंडर में राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भागीदारी के लिए यानि जिला स्तर पर चयनित खिलाडियों के लिए खेल पोशाक देने का जिक्र किया गया है। इसमें भी दोहरी नीति अपनाई गई है। क्रिकेट के लिए प्रति खिलाड़ी 1000 रुपए रखे गए हैं जबकि बाकी खेलों के लिए प्रति खिलाड़ी 600 रुपए रखा गया है। ऐसा समझ से परे है। इससे बाकी खेलों के खिलाड़ियों में रोष पैदा होने की उम्मीद की जा सकती है।

खेल पोशाक के लिए सब जिला को एक समान पैसा

वर्तमान में चल रहे सुब्रतो कप फुटबॉल को देखा जाए तो कई जिलों की प्रतिभागिता नहीं हुई होगी पर खेल कैलेंडर के अनुसार उन्हें पोशाक की राशि मिल गई। ऐसे कई जिले हैं जिनका कई खेलों में प्रतिभागिता नहीं हो पाती है और कई ऐसे जिला हैं जिनकी हर इवेंट में प्रतिभागिता होती है। ऐसे में जिन जिलों की प्रतिभागिता ज्यादा है उनकी राशि कम पड़ जायेगी तो वे क्वालिटी में समझौता करेंगे। जिनकी राशि बच जायेगी वे क्या प्राधिकरण को लौटा देंगे।

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आयु जांच के लिए कौन मान्य

खिलाड़ियों की आयु जांच के लिए कौन तरीका अंतिम मान्य होगा। एक तरफ कहा गया है कि प्रतिभागी खिलाड़ियों द्वारा दिये गए आधार कार्ड संख्या की जांच बायोमेट्रिक विधि से मशीन द्वारा की जायेगी। जिसकी व्यवस्था आयोजन समिति द्वारा आयोजन स्थल पर की जायेगी। इसमें किसी प्रकार की त्रुटि/अंतर पाये जाने पर प्रतिभागी/शारीरिक शिक्षा शिक्षक/संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य जिम्मेवार होंगे। वहीं दूसरी ओर इसी खेल कैलेंडर में कहा गया है कि असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी इस समिति के अध्यक्ष होंगे तथा इनके द्वारा गठित समिति निबंधन के समय खिलाड़ियों के आयु से संबंधित जांच करेगी तथा खिलाड़ियों के उम्र के संबंध में समिति द्वारा लिये गए निर्णय अंितम रूप से सर्वमान्य होगा। इसका अर्थ तो निकलता है कि सभी खिलाड़ियों का एक तरीके से बोन टेस्ट होगा और उम्र की परख होगी। आखिर आधार कार्ड अंतिम मान्य या बोन टेस्ट।

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