पटना। बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के मृत्युंजय तिवारी के आमरण अनशन के आगे कला, संस्कृति एवं युवा विभाग झुक गया और महीनों से बंद पड़े मोइनुल हक स्टेडियम का दरवाजा खिलाड़ियों के लिए खोलने के लिए तैयार हो गया है।
सोमवार की देर रात कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के निदेशक (छात्र व युवा कल्याण) डॉ संजय कुमार सिन्हा और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के निदेशक सह सचिव आशीष कुमार सिन्हा पहुंचे। इन दोनों ने मृत्युंजय तिवारी को कहा कि मोइनुल हक स्टेडियम को आवंटित करने का आदेश निर्गत हो चुका है और अब यह खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध है। इन दोनों अधिकारियों ने मृत्युंजय तिवारी को कहा कि अब तो अपना आमरण अनशन समाप्त कर दें पर तिवारी अपनी अन्य मांगों पर अडिग रहे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बाकी मांगों पर आप विचार करें। उन्होंने इन दोनों को बताया कि जिस राज्य में खिलाड़ी रोड पर आ जाए वैसे राज्य में खेल विकास की बात करना बेमानी है। यहां के खिलाड़ियों को रोजगार और खेल के भरपूर संसाधन की बात करें तभी जाकर बात बनेगी।