पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के विवाद का अंत करीब दिख रहा है। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने बिहार के मामले को गंभीरता से लेते हुए बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और सचिव संजय कुमार को चार जनवरी को कोलकाता बुलाया है।
कोरोना के कारण लेट से प्रारंभ हो रहे बीसीसीआई के घरेलू मैचो में सबसे पहले मुस्ताक अली टी 20 टूर्नामेंट का आयोजन 10 जनवरी से किया जा रहा है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव के द्वारा अलग-अलग दो टीमों की घोषणा की गई है और दोनों टीमों के चेन्नई होटल में पहुंचने की सूचना के बाद बीसीसीआई के द्वारा पर्यवेक्षक के रूप में प्रतिनियुक्त बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष नरेश ओझा और उनके साथ लीगल टीम के सदस्य बुधवार को पटना पहुँच रहे हैं।
यह टीम बीसीए के द्वारा चयनित दोनों टीमों के चयन प्रक्रिया और चयनकर्ताओं की भूमिका की समीक्षा करेंगी। यह टीम बीसीए के कमेटी ऑफ मैनेजमेंट के सदस्यों, पुरूष वर्ग की चयन समिति (सीनियर) के सदस्यों आदि के साथ बैठक कर मामले के निपटारे का रास्ता तलाश करेगी।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के लिए वर्ष 2020 क्रिकेट तथा क्रिकेटरों के हित के कार्यों के बजाय विवादों के नाम रहा। नया सीज़न प्रारंभ हो रहा है, लेकिन बिहार का दुर्भाग्य है कि अब तक यहां के खिलाड़ियों के पिछले वर्ष का इनवायस हीं बीसीसीआई को नहीं भेजा जा सका है, बिहार के क्रिकेटरों के डी ए का भुगतान नहीं किया गया, लेकिन नववर्ष में 4 जनवरी को अध्यक्ष तथा सचिव को बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली के द्वारा बुलाया जाना बिहार क्रिकेट और बिहार के क्रिकेटरों के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।