पिछले 19 सालों में ग्रैंड स्लैम में भारत का झंडा बुलंद करने वाली सानिया मिर्जा को भला कौन नहीं जानता है। हर ग्रैंड स्लैम में यह एक नाम हमेशा दिखाई दिया, आगे बढ़ते हुए, भारत का दम दिखाते हुए, नामुमकिन को मुमकिन करते हुए भी लोगों ने सानिया को देखा है। मगर अब ग्रैंड स्लैम में ये नाम कभी नहीं दिखाई देगा, उन्होंने शुक्रवार को अपने करियर का आखिरी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट खेला, ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में स्टेफनी और मातोस की जोड़ी से सानिया और रोहन बोपन्ना की जोड़ी को हार देखना पड़ा।
वहीं जब सानिया मिर्जा रनर अप ट्रॉफी लेने आईं तो 56 सेकंड वो खुद भी रोईं, कोर्ट पर मौजूद हर एक भारतीय दर्शक भी रोया और कोर्ट पर उनके कहे शब्दों को सुनकर देश भर के करोड़ों लोगों की आंखों में आंसू आ गए। लोग अपने आंसू रोक भी कैसे पाते, भारत की इस खिलाड़ी ने भारतीय टेनिस को नए मुकाम तक पहुंचाया है, दुनिया को दिखाया कि भारतीय खिलाड़ियों में भी ग्रैंड स्लैम जीतने का माद्दा है।
“My professional career started in Melbourne… I couldn’t think of a better arena to finish my [Grand Slam] career at.”
— #AusOpen (@AustralianOpen) January 27, 2023
We love you, Sania ❤️@MirzaSania • #AusOpen • #AO2023 pic.twitter.com/E0dNogh1d0
दरअसल, सानिया रनर-अप ट्रॉफी लेने के बाद माइक के पास आईं, हर कोई अपनी जगह पर उनके सम्मान में खड़ा हो गया, उन्होंने अपने दिल की बात कहनी शुरू की, वो भी मुस्कुराहट के साथ, मगर कोर्ट छोड़ने का तो दुख था दिल में, जिसे वो मुस्कुराहट के पीछे भी नहीं छिपा पाई और बोलते- बोलते खुद रो पड़ीं। सानिया फूट फूटकर रोईं और भरे गले से ही ऑस्ट्रेलियन ओपन के अपने सफर को याद किया, उनकी भारी आवाज ने हर किसी की आंखें नम कर गई।
उन्होंने कहा कि यदि मैं रोती हूं तो ये खुशी के आंसू हैं। मैं मातोस-स्टेफनी से वो पल नहीं छीनना चाहती, जिसके वो हकदार हैं।
सानिया ने ग्रैंड स्लैम में डबल्स में इतिहास रचने से पहले सिंगल्स खेला था, वो सेरेना विलियम्स के खिलाफ भी खेल चुकी हैं। उन्होंने अपने सफर को याद करते हुए कहा—
मैं अभी कुछ टूर्नामेंट और खेलने जा रही हूं, मगर मेरा करियर 2005 में मेलबर्न में शुरू हुआ था, जब मैं 18 साल की थी और सेरेना विलियम्स के खिलाफ खेली, रॉड लेेवर एरिना मेरे लिए हमेशा से ही खास रहा है, मेरे आखिरी ग्रैंड स्लैम के लिए इससे बेहतर एरिना नहीं हो सकता है, मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने बेटे के सामने ग्रैंड स्लैम खेलूंगी।