नईदिल्ली। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सक्रिय रूप से वापस लौटने वाले एथलीटों के लिए उचित रूप से प्रशिक्षण जारी रखना सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है।
साई ने ओलंपिक खेलों से जुड़े एथलीटों के लिये उचित प्रशिक्षण जारी रखना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपने प्रशिक्षण केंद्रों में वापस लौटने वाले खिलाड़ियों के लिए क्वारंटीन नियमों में संशोधन किया है।
11 सितंबर और 3 दिसंबर, 2020 को जारी की गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय खेल प्राधिकरण ने यह सुनिश्चित किया है कि राष्ट्रीय शिविरों में लौटने वाले और साई के प्रशिक्षण केंद्रों और अन्य प्रशिक्षण केंद्रों में ट्रेनिंग ले रहे एथलीट सुरक्षा से समझौता किए बिना प्रशिक्षण जारी रख सकते हैं।
साई ने एक बयान में कहा कि उसने यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय पेश किए गए हैं जिससे एथलीट अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में निरंतरता बनाए रखने में सक्षम हो सकें।
इस फैसले से एथलीट अपनी प्रशिक्षण दिनचर्या को फिर से शुरू कर सकेगा, लेकिन उस खिलाडी को पहले सात दिनों तक बायो बबल में बने रहने वाले एथलीटों से दूर रखा जाएगा। यह अलगाव तब तक जारी रहेगा जब तक वह नेगेटिव आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट नहीं जमा कर देता।
टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए छह महीने ही बचे हैं और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता फिर से शुरू होने के साथ एथलीटों के पास ओलंपिक खेलों के लिए योग्यता हासिल करने या प्रतियोगी स्पर्धा हासिल करने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं में शामिल होना शुरू हो जाएगा।
एक प्रतियोगिता में भाग लेकर वापस लौटने पर हर बार सात दिनों के लिए खुद को क्वारंटीन में रखने से खिलाड़ी का उसकी खेल स्पर्धा का तारतम्य टूट जाता है और इससे उनके प्रशिक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।