पटना, 5 जनवरी। पटना के मोइनुल हक स्टेडियम की रौनक बरसों लौटी। रौनक का मतलब यह नहीं है कि स्टेडियम का कायाकल्प हो गया है उसकी सुंदरता अच्छी हो गई बल्कि बरसों बाद दर्शकों की गूंज इस स्टेडियम में सुनाई दी। मौका था बिहार बनाम मुंबई रणजी ट्रॉफी मैच का।
शुक्रवार से शुरू इस मुकाबले में मुंबई की ओर इंटरनेशनल प्लेयर आंजिक्य रहाणे, स्टार प्लेयर सरफराज खान, शिवम दूबे, धवल कुलकर्णी जैसे प्लेयर खेल रहे थे। हालांकि आंजिक्य रहाणे इस मैच में नहीं खेल हैं पर दर्शक उनके दीदार की आवाज बार-बार पवेलियन से लगाते नजर आए। अंतत: आयोजकों ने चायकाल के दौरान आंजिक्य रहाणे को सुरक्षा घेरे के अंदर लेकर मैदान में घूमा कर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया। आंजिक्य रहाणे ने ऑटोग्राफ भी दिये। इस दौरान मुंबई टीम के लोकल मैनेजर रुपक कुमार भी उनके साथ दिखे।






जर्जर मोइनुल हक स्टेडियम में हजारों की संख्या में उमड़े फैंस
पटना के जर्जर मोइनुल हक स्टेडियम में बिहार बनाम मुंबई रणजी मैच देखने के लिए हजारों की संख्या में प्रशंसक आये। उन्हें इस बात की चिंता नहीं थी क्या होगा। इस मुकाबले को लेकर फैन्स का उत्साह देखते बन रहा था। हालांकि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने लोगों से अपील की थी कि वे मैच देखने के लिए अपने रिस्क पर आएं क्योंकि स्टेडियम की हालत काफी जर्जर है। इसके चलते स्टेडियम के चारों तरफ डेंजर जोन के छोटे-छोटे पोस्टर भी लगाए गए थे, फिर भी प्रशंसक नहीं माने और बिहार टीम की हौसला आफजाई करने और स्टार प्लेयरों को खेलते देखने के लिए पवेलियन पहुंच गए। दर्शकों का कहना था कि हमारे राज्य में जो सुविधा है और जो मैच है वही मेरे लिए बड़ा है। हमें ऐसे मैचों को देख कर इस बात से संतोष करना पड़ेगा कि यह हमारे लिए इंटरनेशनल मैच से कम नहीं है।

मोइनुल हक स्टेडियम के इतिहास पर नजर डालेंगे तो यहां तीन इंटरनेशनल मैच खेले जा चुके है। पहला इंटरनेशनल मैच साल 1993 में जिंबाब्वे और श्रीलंका के बीच खेला गया था, जिसमें श्रीलंकाई टीम 55 रनों से जीती थी। 1996 के वर्ल्ड कप में 26 फरवरी को केन्या बनाम जिंबाब्वे का मैच खेला गया, जिसका कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद 27 फरवरी 1996 को केन्या और जिम्बाब्वे के बीच फिर मैच खेला गया, जिसमें जिम्बाब्वे ने 5 विकेट से जीत हासिल की।



शिवम दूबे का विकेट गिरने पर खुशी और गम दोनों
मुंबई की ओर से खेल रहे शिवम दूबे को जब हिमांशु सिंह ने पगबाधा आउट किया तो दर्शक खुश भी हुए और उदास भी। खुशी की बात यह थी बड़ा स्कोर करने वाला एक पवेलियन लौटा और गम इस बात का उसकी बिस्फोटक बल्लेबाजी नहीं देख पायेंगे।
बिहार टीम की जम कर हुई हौसला अफजाई
मैच देखने वालों में हर जिलों के लोग शामिल थे। बिहार टीम में विभिन्न जिलों से खेल रहे प्लेयरों का मैच देखने और उनकी हौसला अफजाई के लिए न केवल वहां के क्रिकेट संघ के पदाधिकारी गण बल्कि आम क्रिकेट प्रेमी भी मौजूद थे। दर्शक दीर्घा की ओर से उनका नाम लेकर उनकी हौसला अफजाई की जा रही थी।
महफिल लूटी वैभव सूर्यवंशी
बिहार टीम की ओर फर्स्ट क्लास में डेब्यू करने वाले 12 साल 284 दिन के वैभव सूर्यवंशी का दर्शकों ने खूब हौसला अफजाई की। इस नन्हें क्रिकेटर ने क्षेत्ररक्षण के क्षेत्र में बढ़िया खेल दिखाया। शनिवार को उनकी बैटिंग का इंतजार बिहारवासियों को है।





मुंबई के स्टार प्लेयरों ने मैच से बनाई दूरी
इस मैच को देखने के लिए क्रिकेट प्रेमियों के बीच काफी उत्साह देखा जा रहा है। क्रिकेट फैंस के बीच मुंबई टीम के कप्तान अजिंक्य रहाणे और धवल कुलकर्णी आकर्षण का केंद्र बने हुए है. लेकिन फैस को निराश करने वाली बात रही कि मुंबई के कप्तान अंजिक्य रहाणे, तुषार देशपांडे और धवल कुलकर्णी इस मैच में नहीं खेल रहे। आजिंक्य की जगह सम्स मुलानी को कप्तानी सौंपी गई है। गौरतलब हो कि मुंबई रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे सफल टीम है।
बिना तामझम के हुआ सत्र का आगाज
एक ओर जहां करीब 47 वर्षों के बाद बिहार रणजी के एलीट ग्रुप में खेलते देखने का सपना पटनावासियों संग पूरे बिहार का पूरा हुआ। वहीं इस ऐतिहासिक मैच का शुभारंभ बड़े ही सादे तरीके से खेल मंत्री, बिहार सरकार जितेंद्र कुमार राय व महानिदेशक निगरानी आलोक राज ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर किया। अतिथियों का स्वागत बीसीए के पदाधिकारियों ने जहां पुष्प गुच्छ भेंट कर किया। वहीं अतिथियों ने भी बीसीसीआई के मैच रेफरी अर्जुन कृपाल सिंह, अंपायर पी जयपाल और राजीव गोधारा संग मुंबई टीम के कप्तान को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।



