रांची। राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर झारखंड के ताइक्वांडो प्रशिक्षक मिथिलेश कुमार ने अपने दर्द का बयान करते हुए कहा कि हमें सम्मान स्वरुप मिली राशि को दिला दीजिए मुख्यमंत्री जी।
पढ़ें उन्होंने क्या कहा है-
आज राष्ट्रीय खेल दिवस है और पूरा झारखंड राज्य इस खेल दिवस को पूरी धूमधाम से मना रहा है लेकिन झारखंड राज्य के स्थानीय प्रशिक्षक को आज तक उचित सम्मान नहीं मिला। झारखंड राज्य में राष्ट्रीय खेल का आयोजन रांची में आयोजित हुई थी जिसमें राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि पदक विजेता खिलाड़ियों के साथ-साथ उनके कोच को भी पुरुस्कार स्वरूप एक निश्चित राशि प्रदान की जाएगी। मेरे द्वारा भी ताइक्वांडो खेल में प्रशिक्षित एक खिलाड़ी ने कांस्य पदक प्राप्त किया था और मुझे मोराबादी में राज्य सरकार के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने हाथों से सर्टिफिकेट एवं ₹50000 का चेक देकर सम्मानित किया था। जब मैंने चेक को क्लियर होने के लिए बैंक में डाला तो वह चेक वापस बैंक के द्वारा भेज दिया गया। खेल विभाग से जब चेक वापस होने का कारण की जानकारी मेरे द्वारा मांगी गई तब मुझे कहा गया कि सभी कोई का जांच होगा उसके बाद राशि प्रदान की जाएगी और मुझे जांच के लिए हॉकी स्टेडियम भी बुलाया गया। हमने अपना प्रमाण भी वहां पर राज्य सरकार खेल विभाग के द्वारा नियुक्त पदाधिकारियों को दिखलाया और हमें आश्वासन भी मिला जल्द ही मुझे मेरा सम्मान राशि वापस दी जाएगी लेकिन राशि नहीं मिली और मैंने कितनी बार खेल विभाग का दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई परिणाम मुझे नहीं मिला।
इसके बाद मैंने सूचना के अधिकार के तहत खेल विभाग से इसकी जानकारी मांगी उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ, तब मैंने राज्यपाल ऑफिस में भी जाकर आवेदन दिया लेकिन उसका भी कोई परिणाम नहीं मिला। आज खेल दिवस है। इस अवसर पर मैं झारखंड राज्य के लोकप्रिय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से मांग करता हूं कि मुझे वह पुरस्कार सम्मान राशि खेल विभाग के द्वारा वापस दिया जाए क्योंकि झारखंड के खेल से जुड़े हुए लोगों के लिए यह बड़े ही गर्व की बात है कि यह पहला अवसर है की जब खेल विभाग मुख्यमंत्री जी के ही पास है। मैं अखबार के सभी प्रतिनिधियों से सादर अनुरोध करता हूं कि मेरी मांग को वह अपने अखबार के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री तक पहुंचाएं। मैं आपके अखबार के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री सर से कहना चाहता हूं कि क्या यह झारखंड बाहरी लोगों के लिए बना था या हम जो प्रशिक्षक राज्य के हैं उनके लिए उस दौरान किसी को कम राशि, किसी को अधिक राशि मिलने की शिकायत हुई थी। इसकी जांच अभी तक नहीं हुई या हुईं यह खेल विभाग का मामला है। इस मामले में हम जैसे प्रशिक्षक को क्यों पिसा गया। अभी पूरे झारखंड में बच्चे- बच्चे के जबान पर एक ही बात है हेमंत है तो हिम्मत है। तो सर मैं पूर्ण विश्वास के साथ आपसे मांग करता हूं कि आप तत्काल आदेश दे और मुझे मेरा राशि सम्मान मुझे सम्मान के साथ वापस किया जाए।