पटना। बिहार में खेल से खिलवाड़ और खेल के नाम पर खानापूर्ति बंद हो। यह बातें शुक्रवार को पटना के यूथ हॉस्टल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी ने कही।
तिवारी ने कहा कि बिहार में खिलाड़ियों को ना संसाधन मिल रहा है ना रोजगार। ऐसे में कैसे होगी पदक की भरमार। प्रशिक्षकों की नियुक्ति 15 वर्षों से नहीं हो रही खिलाड़ियों की नियुक्ति बंद है। मुख्यमंत्री जी कहते हैं पदक लाओ नौकरी पाओ। पदक लाएंगे कैसे जब खिलाड़ी को खेलने का अभ्यास करने का मैदान तक सरकार मुहैया नहीं करा पा रही है।
बिहार के खिलाड़ियों को सरकार ओड़िशा, झारखंड अभ्यास के लिए भेज रही है इससे शर्मनाक बात और कुछ नहीं हो सकती है। केंद्र सरकार के सभी संस्थानों में खिलाड़ियों की नियुक्ति बंद है। बिहार सरकार में नियुक्ति बंद है। खिलाड़ियों का भविष्य अंधकार में है। सरकार की खेल नीति आज तक धरातल पर नहीं उतर पाई है।

सरकार खेल विश्वविद्यालय की बात करती है। पटना राजेंद्र नगर में जब फिजिकल कॉलेज सरकार नहीं चला पाई वह बंद पड़ा है तो विश्वविद्यालय क्या खाक चला पाएगी। अभी तक खेल विश्वविद्यालय में चपरासी तक की नियुक्ति नहीं हुई है।े स्टेडियम बनाने के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है। सरकार प्रखंडों में स्टेडियम बनाने की बात कर रही है कहीं कोई स्टेडियम नजर नहीं आता उसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है।
जिलों में खेल पदाधिकारी नहीं है। 15 वर्ष पहले जो प्रशिक्षकों की नियुक्ति हुई वह कार्यालय में फाइल देख रहे हैं। बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन सरकार से मांग करता है कि श्वेत पत्र जारी करें और बताएं कि झारखंड बंटवारे के बाद खेल में कितनी राशि खर्च की गई है और क्या उपलब्धि बिहार की रही है।
उन्होंने कहा कि दूध पी रहे अधिकारी माढ़ पी रहा खिलाड़ी। ऐसे में कैसे पदक लाएंगे खिलाड़ी। यह गंभीर सवाल खड़ा होता है भारतीय खेल प्राधिकरण है जो बिहार में चार सेंटर थे बंद हो गए कुछ बदहाली के कगार पर हैं। राष्ट्रीय खेल हॉकी का एक भी एस्टो टर्फ तक नहीं है। मुख्यमंत्री जी की घोषणा का 15 वर्षों में भी कोई असर नहीं हुआ। मुख्यमंत्री खेल विकास योजना के तहत कुछ भी धरातल पर नजर नहीं आ रहा।
केंद्र सरकार भी बिहार की उपेक्षा कर रहा है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार की खेल और खिलाड़ियों के प्रति लंबे समय से चल रहे। उपेक्षा पूर्ण उदासीन रवैया एवं लुंज पुंज व्यवस्था मैं कोई सुधार नहीं होता देख बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन ने सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने का निर्णय लिया है। संसाधन दो रोजगार दो यह मुख्य मांग है इसको लेकर के 22 मई को सुबह पटना की सड़कों पर खिलाड़ियों का होगा प्रदर्शन। 28 मई को दिल्ली के जंतर मंतर पर होगा धरना। इसके बाद खेल विभाग के बाहर घेरा डालो डेरा डालो का अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।



