Home Slider पूर्वी चंपारण जिला का यह हस्ती जो बेहतर खिलाड़ी ही नहीं बेस्ट Sports प्रोमोटर भी है, जानें उनके बारे में

पूर्वी चंपारण जिला का यह हस्ती जो बेहतर खिलाड़ी ही नहीं बेस्ट Sports प्रोमोटर भी है, जानें उनके बारे में

by Khel Dhaba
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सबा परवीन

मोतिहारी। कुछ लोग हैं जो अपने लिए जीते हैं पर ऐसे लोगों की भी कमी नहीं जो दूसरों के लिए जीते हैं। ऐसे शख्स हर क्षेत्र में मिल जायेंगे चाहे वह खेल ही क्यों न हो। खिलाड़ियों की मदद करना, खेल को बढ़ावा देने से लेकर अन्य सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना और जरुरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना। ऐसे लोगों में से एक हैं बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के प्रभाकर जायसवाल। जिला मुख्यालय मोतिहारी के निवासी प्रभाकर जायसवाल का नाम बिहार का पूरा खेल जगत जानता है। प्रभाकर जायसवाल अपने जमाने के मशहूर फुटबॉलर रहे। फिर फुटबॉल रेफरी, इसके बाद सफल आयोजक, संघ के पदाधिकारी और स्पोट्स प्रोमोटर के रूप में उनकी अलग पहचान है। वे अपने सामाजिक दायित्वों का भी पूरा निर्वहन करते हैं। तो आइए जानते हैं इस शख्स की खिलाड़ी से लेकर संघ के पदाधिकारी तक का सफर।

प्रभाकर जायसवाल का खेल से नाता खानदानी है। उनके पिता चंद्रवली जायसवाल लॉन टेनिस के प्लेयर थे। चाचा कृष्णचंद्र जायसवाल फुटबॉलर रहे हैं। वे टेनिस के प्लेयर भी रहे हैं। इन्होंने स्पोट्र्स क्लब मोतिहारी की फुटबॉल टीम का नेतृत्व भी किया। वर्तमान में वे स्पोट्र्स क्लब के अध्यक्ष हैं। चाचा अनिरुद्ध जायसवाल और कृतानंद जायसवाल भी लॉन टेनिस के अच्छे खिलाड़ी रहे और स्पोट्र्स क्लब के विकास में इनलोगों का महत्वपूर्ण योगदान रही। चाचा विश्वाथ प्रसाद साह भी लॉन टेनिस के अच्छे खिलाड़ी। प्रभाकर जायसवाल के बड़े भाई दिवाकर जायसवाल फुटबॉल व टेनिस तथा चेचेरे भाई मनोज जायसवाल (स्पोट्र्स क्लब के पूर्व सचिव) फुटबॉल व क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी रहे।

स्पोट्र्स क्लब मोतिहारी से फुटबॉल का सफर शुरू करने वाले प्रभाकर जायसवाल बिहार होमगार्ड क्लब, पटना व मुजफ्फरपुर पुलिस टीम के चर्चित खिलाड़ी रहे। बिहार विश्वविद्यालय टीम, मुजफ्फरपुर व पूर्वी चंपारण जिला की टीम की ओर से कई वर्षों तक क्रमश: अंतर विश्वविद्यालय फुटबॉल प्रतियोगिता व मोइनुल हक राज्य फुटबॉल प्रतियोगिता में प्रभाकर जायसवाल ने हिस्सा लिया।

कोलकाता के मशहूर फुटबॉल क्लब मोहम्मडन स्पोर्टिंग के विरुद्ध वर्ष 1977 में खेले गए प्रदर्शनी मैच में स्पोट्र्स क्लब मोतिहारी की ओर खेला। फुटबॉल में स्ट्राइकर मिडफील्डर (हाफ) और स्टॉपर (डिफेंडर) के रूप में खेलने वाले प्रभाकर जायसवाल अखिल भारतीय व राज्यस्तरीय कई फुटबॉल टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से टीम को विजेता व उपविजेता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

मुजफ्फरपुर पुलिस टीम की ओर से खेलते हुए मेकॉन, सेल (रांची), एफसीआई के विरुद्ध 80 के दशक में खेले गए मैचों में प्रभाकर जायसवाल ने शानदार खेल दिखाया और अपनी टीम को विजेता बनाया।

1983-84 में पटना लीग में बिहार होमगार्ड पटना की ओर से खेला। घुटने में चोट लगने के कारण वर्ष 1985 में मोतिहारी वापस आ गए और स्पोट्र्स क्लब मोतिहारी की ओर से वर्षों तक खेला। बिहार फुटबॉल के मानचित्र पर चमक रहे इस सितारे की चमक चोट ने फीकी कर दी और बिहार टीम का प्रतिनिधित्व करने के सपने को तोड़ दिया।

अपने खेल कैरियर के दौरान ही वे वर्ष 1984 में स्पोट्र्स क्लब (वर्ष 1911 में स्थापित) मोतिहारी के संयुक्त सचिव बने। वर्ष 1989 में इस क्लब के सचिव बनाये गए। इनके सचिव बनते ही स्पोट्र्स क्लब मैदान, क्लब भवन, जिम भवन के विकास की गति में काफी तेजी आई।

न केवल भवनों का निर्माण बल्कि खेल के क्षेत्र स्पोट्र्स क्लब को आगे बढ़ाया। खिलाड़ियों के लिए खेलने का सामान, सुख-सुविधा, उनके लिए जीने का आधार का चुनाव करने और विभिन्न क्षेत्रों में उनके नियोजन का भरपूर प्रयास किया। इसमें उन्हें भारी सफलता भी मिली। उनकी इस सक्रियता ने युवा शक्ति में खेल के प्रति आकर्षण उत्पन्न हुआ। नतीजा है कि पूर्वी चंपारण का परचम राज्य में लहरा रहा है।

क्रिकेट में प्रभाकर जायसवाल का जलवा रहा है। उन्होंने एक प्रदर्शनी मैच में बेतिया की टीम बीसीसी के खिलाफ शतक जमाया था। वे पूर्वी चंपारण की ओर से हेमन ट्रॉफी राज्यस्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।

जितने बेहतर वे खिलाड़ी रहे उससे ज्यादा बेहतर वे खेल प्रशासक साबित हुए। अपने दम पर डॉ लंबोदर मुखर्जी स्पोट्र्स क्लब फुटबॉल टूर्नामेंट, मध्य क्षेत्र व इंडिया गोल्ड कप राष्ट्रीय महिला फुटबॉल प्रतियोगिता, करीमुद्दीन खान एकदिवसीय सम्मानार्थ महिला फुटबॉल प्रतियोगिता, शहीद अरविंद पांडेय एकदिवसीय पुरुष व महिला फुटबॉल प्रतियोगिता का सफल आयोजन प्रभाकर जायसवाल ने स्पोट्र्स क्लब के तत्वावधान में कराया।

वर्ष 2004 में प्रभाकर जायसवाल ने पूर्वी चंपारण फुटबॉल संघ का गठन किया। बिहार फुटबॉल संघ से वर्ष 2005 में पंजीकृत हुआ। इस संघ की देखरेख में वर्ष 2004 में सबजूनियर राष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिता, महापति देवी राष्ट्रीय महिला फुटबॉल प्रतियोगिता और मोइनुल हक कप अंतर राज्य फुटबॉल प्रतियोगिता का दो बार आयोजन किया गया।

आयोजन के साथ-साथ खिलाड़ियों के परफॉरमेंस पर पूरा ध्यान दिया। जिसका नतीजा घरेलू टूर्नामेंटों और ऑल इंडिया टूर्नामेंटों में देखने को मिला। मोइनुल हक राज्यस्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता में पूर्वी चंपारण की टीम दो बार विजेता और एक बार उपविजेता बनी। अनुग्रह नारायण गोल्ड कप फुटबॉल टूर्नामेंट औरंगाबाद, शहीद राजेंद्र स्मारक फुटबॉल टूर्नामेंट पटना और जनसहयोग ऑल इंडिया फुटबॉल टूर्नामेंट आरा में विजेता होने का गौरव पूर्वी चंपारण जिला टीम को मिला। राजेंद्र स्मारक फुटबॉल टूर्नामेंट में विजेता बनने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पचास हजार रुपए का पुरस्कार प्रभाकर जायसवाल को टीम पुरस्कार के रूप दिया।

इनके नेतृत्व में डॉ लंबोदर मुखर्जी फुटबॉल टूर्नामेंट का शानदार आयोजन होता रहा है। इसकी ऑल इंडिया रेडियो से कमेंट्री भी होती थी जिसमें राज्य के नामी कमेंटेटर स्व. डॉ समीर सेन गुप्ता, ब्रदी प्रसाद यादव, सैयद शवाब अनवर जैसी हस्तियां आती रही हैं।

खिलाड़ियों के प्रदर्शन का इसी से लगाया जा सकता है कि नेपाल में आयोजित एक महिला फुटबॉल मैच में स्पोट्र्स क्लब मोतिहारी की टीम ने सिंगापुर की टीम को मात दी।

वर्ष 2011 में स्पोट्र्स क्लब मोतिहारी का शताब्दी वर्ष मनाया गया था। इसके कार्यक्रम में स्व. सी प्रसाद, ज्वाला प्रसाद सिन्हा, मृत्युंजय तिवारी, संतोष ट्रॉफी प्लेयर करीम मंडल व कमल किशोर प्रसाद समेत दिग्गज हस्तियां शामिल हुई थीं।

अपने जिला वे भी हर वर्ष समय के अनुसार जिला फुटबॉल लीग कराते हैं और उसे समर्पित कर रखा है अपने जिला के फुटबॉल प्रेमी स्व. सरदार अमृत सिंह विक्की के नाम पर। वर्तमान में वे बिहार के सबसे पुराने क्लबों में एक स्पोट्र्स क्लब मोतिहारी के सचिव, पूर्वी चंपारण फुटबॉल संघ के सचिव, स्वतंत्रता सेनानी रामदयाल प्रसाद साह चैरिटेबल ट्रस्ट के सचिव हैं। अभी हाल में बिहार फुटबॉल संघ के सचिव सैयद इम्तियाज हुसैन ने बिहार फुटबॉल संघ का लाइफटाइम उपाध्यक्ष बनाया है।

प्रभाकर जायसवाल ने न केवल खिलाड़ियों को खेल की सुविधा उपलब्ध कराई। उन्हें आजीविका पाने के लिए प्रेरित किया। जो सक्षम रहे उन्होंने कहीं न कहीं सरकारी या निजी क्षेत्रों में जॉब हासिल कर लिया।

प्रभाकर जायसवाल नामवर स्पोट्र्स प्रोमोटर के रूप में जाने जाते हैं। फुटबॉल के अलावा क्रिकेट, बैडमिंटन व कैरम में भी अपना परचम प्रभाकर जायसवाल ने लहराया। प्रभाकर जायसवाल पूर्वी चंपारण जिला कैरम संघ के फाउंडर सचिव रहे हैं। इस दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी वर्तमान के मुख्य सचिव दीपक कुमार के सहयोग से राज्य कैरम प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया। प्रभाकर जायसवाल के सहयोग से पूर्वी चंपारण से उत्तम कुमार, कुमार आदर्श, राजीव रंजन रंजन, मो मोबस्सिर, मो जहांगीर, अरविंद कुमार, एनडी झा, अशरफ हुसैन, गौतम सिंह, एस रहमान, वालेश्वर प्रसाद वर्मा, जगदीश प्रसाद, रवि प्रसाद गुप्ता, कामेश्वर प्रसाद वर्मा जैसे कैरम खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर चमके।

प्रभाकर जायसवाल के कामों की प्रशंसा दिग्गज हस्तियों ने की है। बिहार के पूर्व खेल मंत्री स्व. अर्जुन विक्रम शाह, फुटबॉल के एशियन स्टार स्व. सी प्रसाद, नेपाल के फीफा कोच हरि बहादुर श्रैष्ठ, नेपाल के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ऋतु शाक्या, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर कीर्ति आजाद, सैयद सबा करीम, पूर्व अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर केसी मुर्मु, हेमंत डोरा, अंशा कुमारी, गजेंद्र बहादुर सिंह, रंजीत मुखर्जी, सिंधु मरांडी सहित कई अन्य नाम शामिल हैं।

प्रभाकर जायसवाल ने खेल के लिए लड़ाई भी लड़ी। एक बार स्पोट्र्स क्लब भवन और ग्राउंड में नगर परिषद द्वारा ताला जड़ दिया। इस लड़ाई को प्रभाकर जायसवाल ने कोर्ट में लड़कर बंद ताले को खुलवाया।

प्रभाकर जायसवाल के दादाजी स्व. रामदयाल प्रसाद साह ने सामाजिक, राजनीतिक कार्यों के साथ खेल में भी रूचि रखते थे। जिनका प्रकटीकरण आगे चलकर प्रभाकर जायसवाल में हुआ है। पिछले तीन वर्षो से वे स्वतंत्रता सेनानी रामदयाल प्रसाद साह चैरिटेबल ट्रस्ट के बैनर तले हर साल खेल गतिविधि व अन्य सामाजिक कार्य करते रहते हैं। कोरोना वायरस से बचने के लिए देशभर में चल रहे लॉकडाउन में भी वे अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं और इस ट्रस्ट की सहायता से प्रतिदिन 500-600 जरुरतमंदों को मदद पहुंचा रहे हैं। इसके पहले भी वर्ष 2006 में एजी मिशन स्कूल बेतिया के प्राचार्य स्व. डीके सिंह व स्पोट्र्स क्लब के तत्वावधान मेन उन्होंने राहत सामग्री का वितरण किया था।

पूर्वी चंपारण जिला फुटबॉल संघ में फुटबॉल गतिविधियों को ऊचाई पर ले जाने में अध्यक्ष सह पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण यादव का सहयोग हमेशा प्रभाकर जायसवाल को मिला। प्रभाकर जायसवाल बताते हैं कि मैंने अकेले इस काम को अंजाम नहीं दिया। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश सिंह, पूर्व मंत्री स्व. बृज बिहारी प्रसाद, पूर्व मंत्री स्व. सीता राम सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सह सांसद श्रीमती रमा देवी, पूर्व विधायक त्रिवेणी तिवारी, लक्ष्मी नारायण यादव, पूर्व एमएलसी रामजी शर्मा, एमएलसी सतीश प्रसाद विधायक राजू तिवारी का स्पोट्र्स क्लब को बेहतर करने से लेकर अन्य खेल गतिविधियों में पूरा सहयोग मिला।

इसके अलावा पूर्वी चंपारण खेलकूद के पूर्व सचिव तथा बिहार ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष स्व. सत्यदेव प्रसाद चौधरी (पूर्व विधायक), स्व. प्रभुनाथ साहू, वरिष्ठ पत्रकार व स्पोट्र्स क्लब के ईस्वरी प्रसाद साहू, मरहूम करीमुद्दीन खान, शंभु प्रसाद यादव, गौतम सिंह, नजमुल होदा, नूर आलम, मोहम्मद तैय्यव (अधिवक्ता), सरदार हरजीत सिंह राजू, सरदार इंद्रजीत सिंह निप्पी, दिवाकर जायसवाल, अमित सेन, स्व. मलय बनर्जी, देवप्रिय मुखर्जी, प्रकाश चौधरी, ज्ञानेश्वर प्रसाद, सुरेश चंद्र गुप्ता, मो रेयाज, केशव पाठक, विजय अग्रवाल व बृज किशोर वर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा और इन सबों के सहयोग व पूर्वी चंपारण जिला के खेलप्रेमियों की मदद से जिला में बेहतर खेल माहौल बनाने में प्रभाकर जायसवाल अनवरत लगे हुए हैं।

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