भारत-बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच 22 नवंबर से कोलकाता के ईडन गार्डन स्टेडियम में डे-नाइट फॉर्मेट में होगा। इस मैच में एसजी पिंक बॉल का इस्तेमाल किया जाएगा। एसजी कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर पारस आनंद ने सोमवार को बताया कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को 124 पिंक बॉल सौंपी जा चुकी हैं। इसमें इंदौर में पिंक बॉल से की गई नेट प्रैक्टिस की गेंदें भी शामिल थीं।
पारस आनंद ने पिंक बॉल के बारे में जानकारी देते हुए कहा की, एक पिंक बॉल बनाने में 7-8 दिन लगते हैं। आनंद के मुताबिक, रेड और पिंक बॉल में काफी कुछ अंतर होता है। रेड बॉल को लेदर कलर से रंगकर बनाया जाता है, जबकि पिंक बॉल पर परत दर परत कलर किया जाता है। इसलिए एक पिंक बॉल को तैयार करने में करीब-करीब एक हफ्ते का समय तो लगता ही है।
आनंद ने कहा- कंपनी ने पिछले 3 साल में इस गेंद पर काफी रिसर्च की है और हम पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हमारी बॉल इंटरनैशनल लेवल की हैं। उन्होंने कहा- महीनेभर पहले जब इउउक ने डे-नाइट टेस्ट के लिए पिंक बॉल की मांग की थी तभी से हम इसे बनाने में जुट गए थे। हमनें इउउक को कहा कि, हमारी पिंक बॉल वल्र्ड लेवल की हैं। हमने समय दर समय गेंदों को टेस्ट किया है और हम कह सकते हैं कि हमारी गेंदें इंटरनैशनल क्रिकेट की मांग पर पूरी तरह खरी उतरी हैं।
डे-नाइट टेस्ट के लिए पिंक बॉल से जुड़ी चुनौतियों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा- बॉल एक दिन के पूरे 90 ओवर तक चले यह हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। इस दौरान उसका रंग न जाए, इस पर भी हमने काम किया। बता दें कि, भारत-बांग्लादेश के बीच कोलकाता में होने वाले डे-नाइट टेस्ट में जो एसजी पिंक बॉल इस्तेमाल होंगी वह उत्तर प्रदेश के मेरठ में बनी हैं।
कोलकाता के ईडन गार्डन्स पर खेले जाना वाला डे-नाइट टेस्ट मैच सीरीज का आखिरी मैच होगा। पहला मैच इंदौर में खेला गया था, जिसमें भारत ने बांग्लादेश को पारी और 130 रन से हरा दिया था। अब सीरीज का दूसरा मैच भी जीतकर टीम इंडिया बांग्लादेश पर क्लीन स्वीप करना चाहेगी।