रांची। कबड्डी एसोसिएशन ऑफ झारखंड के तत्वावधान में चल रहे ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम के 16वें दिन शुक्रवार को भारत के तीन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नवीन कुमार, दीपक निवास हुड्डा और मनिंदर सिंह ने अपने-अपने अनुभव और इस मुकाम पर पहुंचने के सफर के बारे में लोगों को अवगत कराया।
नवीन कुमार ने कहा कि हमने कबड्डी की शुरुआत 2011 में की थी। हम स्पीड ट्रेनिंग के लिए खेतों में प्रैक्टिस करते हैं। जब मैंने पहली बार एसजीएफआई कबड्डी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया तो हमें बेस्ट रेडर का पुरस्कार मिला। इसके बाद मेरा खेल कैरियर बढ़ता गया और लोकल टूर्नामेंटों में खेलते हुए मेरा जॉब सर्विसेज में होगा। हमने प्रो कबड्डी की शुरुआत 2017 में दबंग दिल्ली से की। इंडिया की ओर खेलने का सपना सैफ गेम खेल कर पूरा हुआ।
मनिंदर सिंह ने बताया कि हमने कबड्डी की शुरुआत सर्किल कबड्डी के जरिए की। इसके बाद मेन कबड्डी से जुड़ा और अभी मैं प्रो कबड्डी में खेलता हूं। प्रो कबड्डी लीग ने हमारी प्रतिष्ठा काफी बढ़ा दी है। लॉकडाउन में हम अपने घर पर अभ्यास करते हैं। लॉकडाउन के नियमों का पॉलन करते हुए सबों को अपने घर पर रहना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी दीपक प्रकाश हुड्डा ने कहा कि हमारी जिंदगी काफी कठिनाईयों भरी रही है। बचपन में ही माता-पिता का साया सर से उठ गया। बहन का भी ससुराल में कुछ अनबन हो गया वह भी मेरे साथ रहने लगी। इसके बाद सबों का पालन पोषण किया। उच्च शिक्षा नहीं हो पाई। मैंने हिम्मत नहीं हारी।
उन्होंने कहा कि सुबह 3:00 बजे उठ जाया करता था। उसके बाद प्रैक्टिस कर प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता और घर का खर्च चलाता था। गांव में अकेले प्रैक्टिस करता था। उन्होंने कहा कि मेरे जीवन के तिनके का सहारा कबड्डी एसोसिएशन ऑफ झारखंड बना जिन्होंने पहली बार अपने राज्य की ओर से खेलने का मौका दिया। झारखंड की तरफ से 2014 में सीनियर नेशनल खेला और वहां से हमारी जीवन का एक नया अध्याय शुरू हुआ। उसी वर्ष बेस्ट कबड्डी खिलाड़ी का अवार्ड सीनियर नेशनल में हमें मिला और मैं इंडिया कैप मैं आ गया और 2016 में मैं पहली बार इंडिया टीम से खेला। प्रो कबड्डी आने से हमारा जीवन का रहन सहन एवं शैली में काफी परिवर्तन हुआ है। आज जो भी हूं वह कबड्डी की बदौलत ही हूं। हमें जीवन में जिन्होंने भी सहयोग किया उनका मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा।
कबड्डी एसोसिएशन ऑफ झारखंड के महासचिव विपिन कुमार सिंह ने कहा कि शनिवार को आरडी कौशिक (अंतरराष्ट्रीय रेफरी) रू-ब-रू होंगे।