नई दिल्ली। बीसीसीआई के संविधान में बदलाव की अनुमति मांगने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार (14 सितंबर) को भी सुनवाई जारी रखेगा। आज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने एमिकस क्युरी मनिंदर सिंह से सुझावों पर संक्षिप्त नोट देने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने 21 जुलाई को बीसीसीआई और राज्य क्रिकेट संघ से जुड़े मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था, क्योंकि अब तक यह जिम्मेदारी संभाल रहे पीएस नरसिम्हा अब सुप्रीम कोर्ट के जज बन चुके हैं। बीसीसीआई ने अपने संविधान में कुछ बदलाव की अनुमति मांगी है। अगर कोर्ट उसे मान लेता है तो अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह का कार्यकाल आगे बढ़ाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट से मान्य बीसीसीआई के संविधान के मुताबिक इसके अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह का कार्यकाल खत्म हो चुका है लेकिन याचिका के लंबित होने का हवाला देकर ये लोग पद पर बने हुए हैं। बीसीसीआई ने एक अर्जी दाखिल कर मांग की है कि इसके नए संविधान में संशोधन की इजाजत दी जाए ताकि इसके प्रशासकों को तीन साल के कूलिंग ऑफ पीरियड के प्रावधान को खत्म किया जाए। जस्टिस आरएम लोढ़ा कमेटी ने अपनी अनुशंसाओं में तीन साल के कूलिंग ऑफ पीरियड की अनुशंसा की थी।
SC ने पूछा 75 साल के लोगों को क्यों चाहता है बीसीसीआई
बीसीसीआई के संविधान में संशोधन मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस मामले में सॉलिसिटर जेनरल तुषार मेहता बीसीसीआई की तरफ से पेश हुए। सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने बीसीसीआई के संविधान में कूलिंग ऑफ पीरियड के बारे में कोर्ट को बताया। उन्होंने कहा, सिर्फ 2 टर्म के बाद 3 साल का कूलिंग ऑफ पीरियड है जबकि कुल कार्यकाल 9 साल का होता है। एसोसिएशनों में 70-साल की आयु सीमा और 9-वर्ष की कार्यकाल सीमा तय की गई है।
इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, आप वहां 75 साल के लोगों को क्यों चाहते हैं? तुषार मेहता ने कहा कि मेरा कहना यह है कि उम्र के हिसाब को आईसीसी को तय करना है कि किस देश में क्या मानक या कसौटी हो। आईसीसी से कितना मिलता है,यह उस पर है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि अगर कोई महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन में दो कार्यकाल पूरे कर चुका हो तो वो बीसीसीआई के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ सकता? तुषार मेहता ने कहा कि मौजूदा नियम के मुताबिक तो यही होगा।