हांगझोउ, 1 अक्टूबर। चोटिल एच एस प्रणय की कमी भारत को खली और शुरुआती दो मैच जीतने के बाद चीन के हाथों फाइनल 2-3 से हारने के कारण उसे एशियाई खेलों में पुरुष टीम चैम्पियनशिप में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी प्रणय कमर की चोट के कारण नहीं खेल सके। लक्ष्य सेन ने पहला एकल और सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने युगल मैच जीतकर भारत को 2-0 की बढ़त दिलाई।
इसके बाद दारोमदार किदाम्बी श्रीकांत पर था जिन्होंने दक्षिण कोरिया के खिलाफ सेमीफाइनल में उम्दा प्रदर्शन किया था। इस बार वह उस लय को कायम नहीं रख सके और हार गए। चीन ने बाकी दोनों मैच जीतकर अपना दबदबा बरकरार रखा।
सेन ने दुनिया के छठे नंबर के खिलाफ शि युकी के खिलाफ पहला मैच 22-20, 14-21, 21- 18 से जीता।
इसके बाद दुनिया की तीसरे नंबर की जोड़ी सात्विक और चिराग ने दुनिया की दूसरे नंबर की जोड़ी लियांग वेइ केंग और वांग चांग को 21-15, 21-18 से हराया। श्रीकांत को आल इंग्लैंड चैम्पियन लि शिफेंग ने 24-22, 21-9 से हराया।
दूसरे युगल मुकाबले में ध्रुव कपिला और साइ प्रतीक कृष्णा प्रसाद को दुनिया की आठवें नंबर की जोड़ी लियू यू चेन और यू शुआन यि ने 21-6, 21-15 से मात दी। वहीं प्रणय की जगह खेल रहे मिथुन मंजूनाथ को वेंग होंग यांग ने 21-12, 21-4 से हराया।
इस हार के बावजूद भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा जिसने बैडमिंटन में दूसरा रजत पदक दिलाया। इससे पहले 2018 में पी वी सिंधू ने महिला एकल में रजत पदक जीता था।
भारतीय बैडमिंटन पुरुष टीम ने इससे पहले 1986 में सियोल में पदक जीता था जब प्रकाश पादुकोण और विमल कुमार टीम का हिस्सा थे।