पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) में सत्ता में बैठे लोगों के खिलाफ संघ के जिला संघों ने अपनी एकजुटता दिखानी शुरू कर दी है। जैसी खबर मिल रही है उसके अनुसार बुद्ध और महावीर की धरती नालंदा से वर्तमान समय में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में सत्तासीन पदाधिकारियों में कुछ के खिलाफ बिगुल फूंका चुका है।

सूत्रों से मिली जानकारी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के जिला यूनिटों के पदाधिकारियों की अहम बैठक नालंदा जिला के नालंदा के होटल महाविहार में आयोजित की गई। जो खबरें मिल रही है उसके अनुसार इस बैठक में 20 जिला यूनिटों के पदाधिकारी सशरीर मौजूद थे। बाकी तीन जिलों के पदाधिकारी बेविनार के जरिए इस बैठक से जुड़े। खबर है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अमित कुमार और जिला संघों के प्रतिनिधि ओम प्रकाश जायसवाल भी बेविनार के जरिए जुड़े थे।

जैसी सूचना मिल रही है कि इस बैठक में लिये गए फैसले पर सबों ने अपने हस्ताक्षर भी कर दिये हैं। चर्चा है कि इस बैठक में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी को कोई बड़ा फैसला लिया गया है। फैसला क्या हुआ है यह कोई भी बताने को तैयार नहीं है। सबों का कहना है कि समय का इंतजार कीजिए, सारे पत्ते धीरे-धीरे खुलेंगे और सबकुछ ठीक हो जायेगा।

गौरतलब है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अपने दो खेमे में बंटा हुआ है। सचिव अमित कुमार और जिला प्रतिनिधि ओम प्रकाश जायसवाल का अलग खेमा है जबकि अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी का अलग खेमा है। अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी गुट के अनुसार सचिव अमित कुमार पर कार्रवाई की जा चुकी है और उनके दायित्व को संयुक्त सचिव को सौंप दी गई है।
इधर अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी द्वारा आगामी 12 फरवरी को सीवान में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की एसजीएम की बैठक बुलाई गई है। उस बैठक से पहले जिला संघों की यह एकजुटता का जो दाव किया जा रहा है वह कितना रंग लायेगी तो यह आने वाले समय बतायेगा। खैर जो भी हो यह बिहार क्रिकेट और क्रिकेट से जुड़े सभी लोगों के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का यह अंदरुनी लड़ाई घातक ही है और इससे बिहार का क्रिकेट और खराब स्थिति में आ सकता है।