पटना, 1 दिसंबर। कभी सेलेक्टर तो कभी कप्तान को धमकाना, तरह तरह के झूठे आरोप लगाकर बीसीए को ब्लेकमेल करना, बदनाम करना और इन सब की आड़ में अपने पुत्र को टीम में शामिल करवाने का काम करते हैं आदित्य वर्मा। ये बातें बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मुख्य प्रवक्ता संजीव कुमार मिश्र ( अधिवक्ता, पटना उच्य न्यायालय) ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा।
जारी विज्ञप्ति में श्री मिश्र ने कहा है कि आदित्या वर्मा कहते हैं कि मैंने 2018 में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता दिलवाया, जबकि सच यह है कि अदित्या वर्मा माननीय सुप्रीम कोर्ट से मान्यता मिलने के बाद से ही बिहार क्रिकेट को अस्थिर करने में लगे हुए है। श्री वर्मा ने क्रिकेट असोशिएशन ऑफ बिहार नामक संस्था का गठन भी कर रखा है जो एक गैर मान्यता प्राप्त संस्था है और खिलाड़ियों से पैसा वसूलने का कार्य करती है।
सबसे पहले यह टीम में अपने पुत्र को शामिल करने का दवाब बनाते हैं, पुत्र अगर टीम में होता है तो कप्तान को धमका कर पुत्र को प्लेइंग इलेवन में खेलने के लिए धमकी और दवाब डालते हैं। इन्होंने अपने पुत्र और कुछ अपने चहेते खिलाड़ियों के चयन के लिए अनर्गल आरोप लगाने, झूठे एवं मनगढ़ंत केस करने का और माननीय सुप्रीम कोर्ट मे याचिका कर्ता होने जैसे हथकंडे लगातार अपनाते हैं।
मैं संजीव कुमार मिश्रा, बतौर, बीसीए प्रवक्ता इनके सभी आरोपों का खंडन करता हूं एवं इन्हे अपने मानसिक स्वास्थ्य की जांच करवाने का भी सुझाव देना चाहता हूँ। श्री वर्मा से अनुरोध करना चाहता हूँ कि अपने पुत्र-मोह व निजी स्वार्थ मे बिहार के अन्य बच्चों के कैरियर से खिलवाड़ नहीं करें।