नयी दिल्ली, 13 नवंबर। भारत के पूर्व बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि तीनों प्रारूपों में खिलाड़ी के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत कर रहे शुभमन गिल के सामने सबसे बड़ी चुनौती खुद को अलग-अलग प्रारूपों के हिसाब से ढालने की होगी। पुजारा ने हालांकि भरोसा जताया कि गिल परिपक्वता और अनुभव के दम पर इस चुनौती को पार कर लेंगे।
गिल का हालिया नेतृत्व अनुभव
गिल हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में भारतीय वनडे टीम की कप्तानी कर चुके हैं। इसके बाद उन्होंने टी20 श्रृंखला में उपकप्तान के रूप में खेला। अब वे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की घरेलू श्रृंखला में कप्तानी करेंगे। पुजारा ने कहा कि युवा खिलाड़ियों के लिए इतने बड़े कार्यभार को संभालना मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण होता है।

अलग-अलग प्रारूपों में ढलने की चुनौती
पुजारा ने कहा, “गिल के सामने सबसे बड़ी चुनौती अलग-अलग प्रारूपों में तेजी से ढलने की है। टेस्ट क्रिकेट में संयम और रणनीति की जरूरत होती है, जबकि सीमित ओवर के प्रारूप में तेज़ी और आक्रामकता की। यह किसी भी शीर्ष स्तर के खिलाड़ी के लिए चुनौतीपूर्ण है। हालांकि वह युवा है, लेकिन तेजी से परिपक्व हो रहा है।”
टीम चयन और ध्रुव जुरेल
पुजारा ने ध्रुव जुरेल को टीम में शामिल करने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जुरेल शानदार फॉर्म में हैं और अंतिम एकादश में उनका चयन उचित रहेगा। पिच के अनुसार टीम में तीन स्पिनर और दो तेज गेंदबाज खेलने की संभावना है।
पुजारा का अंतिम संदेश
पुजारा ने कहा कि गिल का नेतृत्व और भारतीय टेस्ट टीम का हालिया फॉर्म उनके लिए मददगार साबित होगा। वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में गिल के अच्छे प्रदर्शन ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया है, जिससे वे कप्तान के रूप में मजबूत भूमिका निभा सकते हैं।