दुबई, 13 मई। पी श्यामनिखिल हाल ही में दुबई पुलिस मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट में अपना तीसरा और अंतिम ग्रैंडमास्टर (जीएम) नॉर्म हासिल करके भारत के 85वें ग्रैंडमास्टर बन गए।
8 साल की उम्र से खेल रहे हैं शतरंज
आठ साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू करने वाले श्यामनिखिल को तीसरे नॉर्म के साथ इस उपलब्धि के लिए 12 साल का इंतजार करना पड़ा।
श्यामनिखिल को लंबे समय से प्रतीक्षित जीएम नॉर्म पूरा करने के लिए सिर्फ एक जीत और आठ ड्रॉ की जरूरत थी, जो उन्होंने दुबई में खेले गये टूर्नामेंट में हासिल किया।
इस 31 वर्षीय खिलाड़ी ने 2012 में दो ग्रैंडमास्टर नॉर्म के साथ आवश्यक 2500 ईएलओ रेटिंग अंक हासिल कर लिये थे जो जीएम बनने के लिए न्यूनतम आवश्यकता है। उन्हें हालांकि तीसरे नॉर्म को पूरा करने के लिए 12 साल तक इंतजार करना पड़ा।
माता-पिता ने सिखाया शतरंज खेलना
तमिलनाडु के नगरकोली के इस खिलाड़ी ने जीएम उपलब्धि हासिल करने के बाद कहा कि मैंने आठ साल की उम्र में खेलना शुरू किया था। मेरे माता-पिता ने मुझे इस खेल को सिखाया है लेकिन मैं तीन साल तक कोई टूर्नामेंट नहीं खेल सका था। अंडर-13 राज्य चैंपियनशिप जीतने के बाद मेरे लिए अवसर खुल गए क्योंकि मैं एशियाई और आयु वर्ग विश्व चैंपियनशिप खेल सकता था।
मुंबई मेयर्स कप में मिला था पहला जीएम नार्म
श्यामनिखिल ने मुंबई मेयर्स कप 2011 में अपना पहला जीएम नॉर्म हासिल किया था। उन्होंने इसके कुछ समय के बाद 19 साल की उम्र में इंडियन चैंपियनशिप के दौरान दूसरा नॉर्म हासिल किया और फिर 2012 की शुरुआत में रेटिंग की आवश्यकता पूरी की।
वह 2012 में दुबई ओपन में अपना अंतिम नॉर्म हासिल करने से चूक गये। वह इसके बाद अब तक कई मौकों का फायदा उठाने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि मैंने 2017 में ही यूरोप में टूर्नामेंट खेले थे, तब तक मैं वियतनाम या यूएई में खेलने की कोशिश कर रहा था और फाइनल नॉर्म हासिल करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन ये जगहें इतनी आसान नहीं हैं क्योंकि टूर्नामेंट बहुत मजबूत हैं।’’
साल 2022 के इस राष्ट्रमंडल चैंपियन ने कहा कि अब मैंने जीएम नॉर्म हासिल कर लिया है, ऐसे में मैं अधिक आजादी से खेल सकता हूं।