पटना। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के सचिव आदित्य वर्मा ने बीसीए के तमाम जिला क्रिकेट यूनिट के पदाधिकारियों से अपील की है कि वर्तमान मे बिहार के बाहर राज्यों के खिलाड़ियों को जाली प्रमाण पत्र बनवा कर कुछ लोग आपके जिला के माध्यम से सीधे बिहार क्रिकेट टीम के जूनियर से सीनियर तक के पुरुष व महिला क्रिकेट टीम मे खेलाने के जुगार बैठा दिए है, जिसके कारण बिहार के होनहार मेधावी क्रिकेटरो का सत्यानाश हो रहा है।
बिहार को रणजी मैच का दर्जा राज्य विभाजन के पश्चात 18 सालो के संघर्ष के पश्चात सुप्रीम कोर्ट से मिला है। यह बात भली भाँति आप सभी मित्रों को पता है। इसलिए आज के दिन आप चाहते हो कि आप के जिला से भी सही खिलाड़ी निकल कर राज्य और देश का नाम रौशन करे तो अविलम्ब वैसे लोगो को चिंहित कर क्रिकेट से दूर कर दे। मै दावे के साथ कह सकता हूँ कि वर्तमान मे बिहार क्रिकेट टीम मे शामिल कितने खिलाड़ी है जो बाहर के राज्यो से है तथा गलत तरीके से टीम मे चयन हो कर खेल रहे है जिसके कारण बिहार के क्रिकेटरो का बली चढ़ रहा है।
हाल ही मे बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली से मिलकर मैने विस्तार पूर्वक चर्चा कर कहा कि बिहार मे भी बंगाल की तरह सीनियर क्रिकेटरो से वोटर आई कार्ड 3 साल पहले का बना हुआ तथा जूनियर क्रिकेटरो के माता-पिता का वोटर आई कार्ड 3 साल पहले का बना हुआ अनिवार्य हो जाए भ्रष्टाचार मुक्त बिहार क्रिकेट हो जाएगा।
बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से यह नियम अपने जिला संघ मे लागू करा देना चाहिए। राज्य क्रिकेट टीम मे शामिल होने वाले खिलाड़ियों को भी यह प्रमाण पत्र बीसीए को देना हो यह मापदंड तय कर देना चाहिए। बीसीसीआई के अध्यक्ष को मेरा यह सुझाव पंसद आया था। मै अच्छी तरह से जानता हू कि बीसीए के लोगो को मेरा सुझाव नागवार लगेगा लेकिन बिहार क्रिकेट से भ्रष्टाचार मुक्त कर बिहार के लोकल खिलाड़ियों के लिए प्रतिभा को निखारने के लिए यह नियम कानून अत्यंत ही जरूरी है। सीएबी के सचिव के हैसियत से मैने इस पर काम करना शुरू कर दिया है जिस प्रकार बीसीसीआई के राज्य क्रिकेट संघो के यहॉ बाहरी खिलाड़ियों के खेलाने के लिए मापदंड बना है बिहार क्रिकेट संघ को भी बनाना ही पड़ेगा।