पटना। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी, Cricket association of bihar) के सचिव आदित्य वर्मा (aditya verma) ने बीसीसीआई (BCCI) के दोहरे चरित्र पर तीखा सवाल उठाते हुए कल बिहार अंडर-16 खिलाड़ियों के मेडिकल टेस्ट के दौरान हुई घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए बीसीसीआई (BCCI) के जीएम (ऑपरेशन) के क्रिया कलापों पर सवाल खड़ा किया है।
उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति खुद बिहार की मिट्टी पर जन्मा, क्रिकेट की एबीसीडी बिहार के मैदानों पर सीखा वह शख्स बिहार अंडर-16 के 50 के आसपास खिलाड़ियों का मेडिकल टेस्ट इंतजार कराने के बाद फोन करवा कर बंद करा दिया।
उन्होंने कहा कि पटना के दिग्गज व बीसीए के सचिव अजय नारायण शर्मा (Ajay narayan sharma) उन सभी खिलाड़ियों व उनके अभिभावक उनके साथ गए थे। दूसरी ओर खुद बीसीसीआई जिस गोपाल बोहरा वाले गुट का फंड रोक कर उनको सक्षम न्यायालय से पहले अपनी मान्यता के फेवर में आदेश लाने के लिए कह दिया था। ऐसा ही आदेश दूसरे गुट के लिए भी है।
बीसीसीआई के जीएम ऑपरेशन ने अपने रसूख से उनका मेडिकल करा दिया। मैं कहना चाहता हूं कि क्या आसमान फट जाता अगर गोपाल बोहरा (gopal bohara) गुट के साथ-साथ जगन्नाथ गुट के भी खिलाड़ियों का मेडिकल टेस्ट हो जाता जबकि डॉ साल्वी के कहने पर जगन्नाथ गुट के खिलाड़ियों का भी रसीद स्थानीय अस्पताल के द्वारा काट दिया गया था। कुछ खिलाड़ियों के अभिभावक ने मुझे फोट पर जब अपने लड़कों के साथ हुए व्यवहार के बारे में बताया कि डॉ साल्वी ने अंत समय में मेडिकल टेस्ट करने से मना कर दिया। मैं तत्काल फोन कर जगन्नाथ सिंह को साल्वी से बात करने के लिए कहा।
जगन्नाथ सिंह ने मुझे बताया कि डॉ साल्वी ने बात करने पर कहा कि वे खुद चाहते थे कि मेडिकल सभी खिलाड़ियों का मैं करने के लिए तैयार था लेकिन जीएम साहब के निर्देश पर पहले गोपाल बोहरा वाले गुट के खिलाड़ियों का टेस्ट लिया लेकिन जगन्नाथ गुट के खिलाड़ियों का मेडिकल टेस्ट लेने से मुझे मेरे बॉस सबा करीम साहब ने रोक दिया। इससे पता चलता है कि गोपाल बोहरा गुट और सबा करीम के बीच में है। कुछ भी सीएबी कल की घटना की तीखी निंदा करता है।