पटना, 11 अक्टूबर। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा एक सूचना प्रकाशित कर बिहार की जनता को बताया गया है कि रणजी प्लेयर कुमार रजनीश को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। पर इस नोटिफिकेशन में यह नहीं कहा गया है कि कुमार रजनीश की गलती क्या है।
बीसीए द्वारा जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि सूचित करना है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के कार्यालय में गत दिनों कुछ असामाजिक तत्वों ने जबरन प्रवेश कर बीसीए के एक बड़े अधिकारी तथा पूर्व वरिष्ठ खिलाड़ी के साथ आपत्तिजनक व्यवहार किया। एक, कुमार रजनीश नामक खिलाड़ी के राज्य टीम में जबरन चयन को लेकर यह कृत्य किया गया। कुमार रजनीश के चयन को लेकर पूर्व से ही असामाजिक तत्वों द्वारा दबाव दिया जाता रहा है। इस संदर्भ में स्थानीय थाना में आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया जा चुका है और तत्काल प्रभाव से कुमार रजनीश को निलंबित किया जाता है।
बिहार के क्रिकेट जनता का सवाल
पहला सवाल : क्या कुमार रजनीश ने कभी अपने सेलेक्शन को लेकर बीसीए के किसी अधिकारी व चयनकर्ता को धमकी दी। अगर हां तो संस्पेशन जायज है और अगर नहीं तो संस्पेशन तत्काल प्रभाव से वापस होना चाहिए।
दूसरा सवाल : क्या कुमार रजनीश उस घटना में शामिल थे जिस घटना का जिक्र बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा किया जा रहा है। अगर हां तो संस्पेशन जायज और अगर नहीं तो संस्पेंशन क्यों।
तीसरा सवाल : कुछ इसी तरह की घटना कुछ सालों पहले स्टेडियम में घटी तब कहां गया था बीसीए का नियम। उस समय तो बीसीए को नोटिफिकेशन जारी करने की हिम्मत नहीं हुई।
चौथा सवाल : आपके पदाधिकारी जो गलत कार्य करते हैं जिसका ऑडियो से वीडियो तक जारी हो जाता है उसका संस्पेशन क्यों नहीं होता है। उन्हें अपने बगल में बिठा कर क्यों रखते हैं। ऐसे कार्यों के लिए तो बीसीए के तमाम कमेटी ऑफ मैनेजमेंट को सबसे पहले संस्पेंड करना चाहिए।
पांचवां सवाल : बिहार के नौनिहाल क्रिकेटरों से जो ठगी का काम बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा किया जा रहा है उसकी सजा क्या हो सकती है। ताजा उदाहरण जिन बच्चों ने अंडर-19 के ट्रायल या मैचों में हिस्सा लिया उन्हें यह जानने का पूरा हकदार है कि उनकी परीक्षा का रिजल्ट क्या हुआ। आप चुपके-चुपके टीम भेज दिये। आपने अभी तक लिस्ट जारी नहीं किया। आपने उन बच्चों का अधिकार का हनन किया है उसकी सजा क्या हो सकती है। पहले आप अपने अंदर झांकिए साहेब।
छठा सवाल : आपके संस्पेशन वाले नोटिस से कुमार रजनीश को जो मानसिक प्रताड़ना हो रही है। जो क्रिकेटर वर्तमान समय में डेंगु रोग से लड़ कर जिंदगी में वापसी का प्रयास कर रहा है उसे जो आप लोगों ने प्रताड़ना दी है उसकी भरपाई कौन करेगा?
अंत में यह कि अपने मन मुताबिक नियमों को तोड़ना और पालन करने वाला धंधा बंद होना चाहिए। जब मर्जी हुई कुछ नियमों का उल्लेख कर प्लेयरों पर डंडा चला दिया और खुद उस नियम को तोड़ कर अपनी गोटी सेट कर लिया यह नहीं हो। आपके पास पॉवर है इसका मतलब यह नहीं है कि आप बिहार के क्रिकेट जनता पर यों ही चाबूक चलाते रहेंगे।


