पटना, 21 जुलाई। पिछले सत्र बिहार अंडर-15 वीमेंस क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली खिलाड़ियों में कईयों प्लेयरों का एक साल बर्वाद होने वाला है। यह संकट उन पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) उस फरमान से है जिसमें कहा जा रहा है कि आपका आधार कार्ड के अनुसार भले ही अंडर-15 के अंदर उम्र है पर पिछले वर्ष हुए मेडिकल टेस्ट के अनुसार इस वर्ष आप अंडर-15 खेलने के लिए योग्य नहीं है। हालांकि बीसीए की ओर से इस पर कोई आधिकारिक सूचना नहीं की गई पर उनके अधिकारियों से मिल रही जानकारी और बिहार क्रिकेट जगत में चल रही चर्चाओं से खिलाड़ी और उनके अविभावक चिंता में डूबे हैं। चलिए इस बारे में खेलढाबा.कॉम आपको विस्तार से बता रहा है….
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा जुलाई महीने की 16 तारीख को राज्य अंडर-15 वीमेंस क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग लेने वाली सभी खिलाड़ियों को बोन टेस्ट के लिए कागजात जमा करवाये गए। इन कागजातों में डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र, पिछले तीन वर्षों की स्कूल मार्कशीट और आधार कार्ड। खिलाड़ियों ने अपने कागजात जमा किये गए।
अब जो खबर सामने निकल कर आ रही है उसमें कहा जा रहा है कि कई अंडर-15 वीमेंस स्टेट प्लेयर समेत कुल 18 खिलाड़ियों का उस समय कागजात जमा नहीं लिया गया। उन्हें कहा गया कि इस वर्ष आप बोन टेस्ट के योग्य नहीं है और आप अंडर-19 खेलिए। आखिरी अंडर-19 कैसे खेलेंगे।
जिन स्टेट प्लेयरों के बारे में कहा जा रहा है कि आप बोन टेस्ट के योग्य नहीं है वे आधार कार्ड के अनुसार अभी अंडर-15 कैटेगरी में आती हैं पर पिछले साल के बोन टेस्ट या अन्य कारणों के आधार पर उन्हें कहा गया है कि इस साल आप बोन टेस्ट की अर्हता को पूरा नहीं कर पायेंगी।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के अधिकारियों के इस फरमान के बाद वीमेंस अंडर-15 स्टेट खेल चुकीं समेत अन्य खिलाड़ियों में इस बात को लेकर संशय है कि हमारा एक साल तो गया। बिहार अंडर-15 वीमेंस टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी खिलाड़ियों के गार्जियनों समेत अन्य का कहना है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा कभी यह सूचना जारी नहीं की गई कि जिन खिलाड़ियों का पिछले वर्ष बोन टेस्ट में इतने प्वायंट आये थे वे इस वर्ष अंडर-15 खेलने की अर्हता हासिल नहीं कर पायेंगी।
उनका कहना है कि ऐसी कोई सूचना दे दी गई होती तो हम सभी अपने खिलाड़ियों को दूसरे कैटेगरी के सेलेक्शन ट्रायल में हिस्सा लेने देते और दूसरे कैटेगरी के मैचों में उनकी प्रतिभागिता होती। अब तो हम न इधर के रहे न उधर के। इन सबों का कहना है कि कम से कम पिछले साल वीमेंस अंडर-15 बिहार टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली खिलाड़ियों को राज्य अंडर-19 वीमेंस टीम की सेलेक्शन प्रक्रिया में हिस्सा लेने की अनुमति देनी चाहिए ताकि दर्जनों महिला खिलाड़ियों का भविष्य वर्बाद होने से बच सके। इसके बाद तो चयनकर्ता समझेंगे कि इनमें इस कैटेगरी के लायक टैलेंट है या नहीं।