नई दिल्ली। प्रशासकों की समिति (सीओए) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की आय में से राज्य संघों को दिए जाने वाले हिस्से को कम करने का मन बनाया है।
सीओए ने बोर्ड के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) संतोष रांगनेकर से कहा है कि वह ऑडिट करने वाली एजेंसी डेलोइटे से मिले और इस मसले पर बात कर नया खांचा तैयार करें जो फंड आवंटित करने वाले विभाग को भेजा जाए।
मौजूदा शेयर 70-30 का है, जिसमें 30 फीसदी हिस्सा बोर्ड को जाता है बाकि राज्यों को। लेकिन सीओए के एक सदस्य ने राज्य संघों के शेयर को कम करने को कहा है। इसलिए इस मामले पर बात करने के लिए बैठक आयोजित की गई है। इस पर अभी भी काम जारी है, इसे अभी मंजूरी नहीं मिली है।
इस मामले पर डेलोइटे सीएफओ के सामने प्रेजेंटेशन देगी और इसके बाद वह उन्हें फंड वितरित करने वाले विभाग को सौपेंगी। डेलोइटे को कहा गया है कि वह नए खांचे के बारे में बताए और इसलिए बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक में सीईओ राहुल जौहरी को भी उपस्थिति रहने को कहा गया है।
एक राज्य संघ के सीनियर अधिकारी ने कहा है कि समिति को इस बात को समझना चाहिए कि इस तरह के नीति गत फैसले बोर्ड के चुनाव होने के बाद लिए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा, अगर ऐसा होता है तो यह एक और खराब फैसला होगा। इन लोगों को कौन समझाए कि यह निर्रथक है जो इनके क्षेत्र से बाहर है। पहली बात तो यह है कि इन लोगों के पास ऐसा करने के अधिकार नहीं हैं। दूसरी बात है कि यह उनका पैसा नहीं है इसलिए यह फैसला भी उनका नहीं होना चाहिए। तीसरी बात यह है कि संविदात्मक व्यवस्था नहीं बनाई जा सकती।
अधिकारी ने कहा, आखिर में उन्हें समझना होगा कि खाते बीसीसीआई की जनरल बॉडी द्वारा मंजूर किए जाएंगे और वह किसी भी तरह के फैसले रद्द कर सकते हैं। इसलिए इस तरह के फैसले काम नहीं आएंगे।