पटना, 8 जुलाई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अपने घरेलू टूर्नामेंट का शेड्यूल जारी कर दिया है। इस शेड्यूल को लेकर कई राज्यों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का प्रबंधन तो चैन की नींद सो रहा है।
एक ओर अन्य राज्यों में सेलेक्टर से लेकर प्रशिक्षकों की सूची घोषित कर दी गई है। साथ ही विभिन्न ग्रुपों के कैंप लग चुके हैं पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन इन सबों से अलग है। यहां तो परंपरा रही है बिना टूर्नामेंट टीम भेजने की।बिना किसी प्रशिक्षण शिविर का टीम भेजने की। अबतक रिकॉर्ड तो यही बताता है।
इस वर्ष हर आयु वर्ग के टूर्नामेंट को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने कराया, चाहे वह वनडे फॉरमेट में हो या टी20 में। डेज मुकाबले का फाइनल तो बाकी रह गया यानी इस बार भी अधूरे का टैक अभी तक लगा हुआ है।
टूर्नामेंट सही तरीके से संपन्न हुआ तो लगा कि कैंप ससमय लग जायेगा ताकी टीम की तैयारी पूरी हो सकी और अगले सत्र में बिहार की टीम सभी फॉरमेट के एलीट ग्रुप में खेलता नजर आये पर यहां तो लोगों की टकटकी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की वेबसाइट पर टिकी है कब नॉटिफिकेशन कैटेगरी पर कैंप की सूचना प्रकाशित हो। शायद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन सोच रहा है कि इस वर्ष तो चार फॉरमेट में प्लेट ग्रुप में खेलना है। प्लेट ग्रुप में तो चुटकी बजाते बाजी मार लेंगे।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के कमेटी ऑफ मैनेजमेंट की बैठक 6 जुलाई को खत्म हो गई पर अभी तक इस बैठक में इस सत्र में घरेलू क्रिकेट में बिहार टीम की भागीदारी कैसी होगी। उसके लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं, की कोई खबर नहीं आयी तो निराशा और बढ़ गई।
गौरतलब है कि इस वर्ष बिहार की टीम रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी, सीके नायडू ट्रॉफी और सीनियर महिला वनडे फॉरमेट के प्लेट ग्रुप में खेलेगी। ग्रुप आसान नहीं होने वाला है। इसीलिए एक ही टीम ऊपर जायेगी और एक ही नीचे आयेगी। इसीलिए हर हाल में टॉप पर रहना सबसे अहम होगा और इसके लिए तैयारी पुख्ता चाहिए।
रणजी ट्रॉफी में बिहार के साथ प्लेट ग्रुप में मेघालय, मिजोरम, सिक्किम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश है।
विजय हजारे ट्रॉफी में प्लेट ग्रुप में बिहार के साथ नागालैंड, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश की टीम है।
सीके नायडू ट्रॉफी में बिहार के साथ प्लेट ग्रुप में मेघालय, मिजोरम, सिक्किम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश है।
सीनियर महिला वनडे ट्रॉफी में प्लेट ग्रुप में बिहार के साथ नागालैंड, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और सिक्किम की टीम है।
चिंता इस बात की भी होनी चाहिए कि जिन ग्रुपों में एलीट ग्रुपों में खेल रहे हैं वह बचा रहे पर इसकी चिंता न के बराबर दिखती है। अगर चिंता रहती तो अबतक कैंप में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की सूची और डेट्स जारी कर दिये जाते।
नये क्रिकेट विकास व संचालन निदेशक की नियुक्ति के बाद लगा था कि बहुत कुछ सुचारू हो जायेगा पर स्थिति जस का तस है। क्रिकेट के जानकारों का कहना है कि अब तो यही देखना है कि चैन की नींद सो रहा बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का प्रबंधन कब जागता है।