पटना। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के पूर्व सचिव सह बिहार समेत पूरे देश में क्रिकेट की भलाई की लड़ाई लड़ने वाले आदित्य वर्मा ने कहा है कि गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में होने वाले सुनवाई मे एक याचिका कर्ता के हैसियत से बीसीसीआई बनाम क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार केस में खुद बहस करने जा रहा हूं। बिहार क्रिकेट के अंदर जो हुआ है और जो हो रहा है उसके बारे में सुप्रीम कोर्ट के पटल पर रखूँगा। 50 लाख रुपये 2008 में जो मिला उसके बाद से ही बिहार क्रिकेट के बदहाली के दिन शुरु हो गया। 10.80 करोड़ रुपये का अनुदान September 19 में मिला था जिसका ऑडिट रिपोर्ट नहीं देने के कारण दुबारा पैसा नहीं मिला। Clean bowled स्टिंग ऑपरेशन जिसने बिहार क्रिकेट को पूरे विश्व क्रिकेट में शर्म सार कर दिया था। एक चुने गए सचिव संजय कुमार को, संयुक्त सचिव कुमार अरविंद को हटाने का कार्य किया गया। सारी बातों को अपने बहस में सुप्रीम कोर्ट के सामने रखना है। यह सत्य है कि 4th January को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही बीसीसीआई ने बिहार को 18 साल के बाद मान्यता दिया था। चार जनवरी को आदित्य वर्मा ने खुद बहस की थी।