पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) द्वारा मुश्ताक अली ट्रॉफी टी20 में भाग लेने वाली बिहार टीम की घोषणा के बाद बीसीए के इंटरनल व्हाटशएप ग्रुप में सिर फुटव्वल शुरू हो गया है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी भद्दी-भद्दी टप्पिणयां देखने को मिल रही है जो बिहार क्रिकेट के लिए सुखद संदेश नहीं है। बिहार में भद्रजनों का खेल खुद लज्जित होता दिख रहा है।
सबसे शर्मनाक बात यह है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के इंटरनल व्हाटशएप ग्रुप में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की टीम चयन प्रक्रिया की तुलना दिल्ली की निर्भया कांड से कर दी गई। पटना के पड़ोसी जिला के सचिव ने लिखा कि खिलाड़ियों का जो लिस्ट जारी हुआ है वह क्रिकेट के साथ एक ऐसी घटना है जो दिल्ली के निर्भया कांड से ज्यादा विभत्स है। यह न केवल बलात्कार है बल्कि घिनौने रूप विभत्स बलात्कार के साथ हत्या भी है।
आगे उन्होंने लिखा कि वरुण राज भोजपुर, हिमांशु सिंह बांका, विश्वजीत पिंचू गोपाला खगड़िया, विजय वत्स, पियूष सिंह जैसे खिलाड़ियों के क्रिकेट कैरियर की हत्या के दोषी हैं। उसने संघ के अध्यक्ष से आग्रह किया कि अति शीघ्र पटना पहुंचकर स्थिति की समीक्षा करें। साथ ही उन्होंने लिखा कि भाषा की शालीनता में कोई कमी रह गई हो तो मुझे माफ करेंगे। इस पोस्ट डालने के एक मिनट के भीतर ही ग्रुप से डिलीट कर दिया गया।
एक जिला संघ के प्रतिनिधि ने लिखा कि बिहार क्रिकेट टीम के शानदार टीम चुनने वालों को बधाई देनी चाहिएl क्योंकि जो 90 के लिस्ट में भी नहीं थे वह टीम के हिस्सा बने और जिन्होंने ट्रायल मैच में सबसे अधिक रन किए वह टीम से बाहर कर दिए गएl प्रेस कांफ्रेंस करके कब तक सफाई दीजिएगा कि हमने सभी खिलाड़ियों के खेल के आधार पर चयन किया है।
एक जिला संघ के प्रतिनिधि ने लिखा कि माननीय अध्यक्ष महोदय एवं जिला के प्रतिनिधि महोदय जो इस समय क्रिकेट के इंचार्ज भी हैं से नम्र निवेदन पूर्वक आग्रह है कि कृपया यह बताने का कष्ट करें की ट्रायल मैच में जिस वरूनराज को 86 के स्कोर पर वापस बुला लिया गया नॉट आउट उसका बिहार क्रिकेट टीम में चयन क्यों नहीं हुआ? कृपया स्पष्ट करें ताकि जिला को भी पता चले कि हमारे यहां टीम बनाने में किस मापदंड का प्रयोग होता है।


एक जिला संघ के प्रतिनिधि ने लिखा कि दिलीप सिंह उपाध्यक्ष की देखरेख में क्रिकेट के गतिविधियों को संपन्न कराना ज्यादा उपयुक्त और समसामयिक है क्योंकि क्रिकेट में योग्यता (योगिता) की अनदेखी करना क्रिकेट की हत्या करने के बराबर होता है अध्यक्ष जी से मेरा आग्रह है कि आप दिलीप सिंह जी को जिम्मेदारी दें क्योंकि वह क्रिकेट के जानकार आदमी है शायद जिले की समस्याओं और शिकायतों को उपाध्यक्ष महोदय बेहतर समझ और सुलझा सकेंगे। कुछ लोगों ने इसका समर्थन किया। इसके साथ ग्रुप में कई लोग बीसीए के वर्तमान क्रिकेटिंग इंचार्ज का समर्थन करते भी दिखे। बिहार में कई टीमों के चयन होने हैं और कुछ टीमों का चयन भी शुरू हो गया। अभी भी हालात नहीं सुधरे तो पूर्व की तरह बिहार को शर्मसार होना पड़ेगा।