पटना। पटना जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार प्राणवीर द्वारा कार्यकारी सचिव अरुण कुमार सिंह को पांच साल के निष्कासन का आदेश देने को बिहार क्रिकेट जगत ने निंदा की है। सोशल मीडिया पर अध्यक्ष प्रवीण कुमार प्राणवीर के इस निर्णय हो रही है और सब यही कह रहे हैं शर्म करो, क्रिकेट के लिए मरने-मिटने वालों को यह सजा।
लोगों का कहना है कि अरुण कुमार सिंह ने प्रवीण कुमार प्राणवीर के अध्यक्ष होने पर सवाल उठाया और न्यायालय में गये तो उन्हें पीडीसीए से निकाल दिया। पटना ही नहीं पूरे बिहार के क्रिकेट के विकास में अरुण कुमार सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अरुण कुमार सिंह जमीनी स्तर पर काम करने वाले व्यक्ति रहे हैं।
लोगों का यह भी कहना है कि हो सकता बिहार क्रिकेट के कुछ कर्ताधर्ता के अरुण कुमार सिंह की लोकप्रियता पच नहीं है और उन्हें अपने आगे बाधा मान रहे हैं इसीलिए प्राणवीर को मोहरा बना कर अरुण सिंह को संस्पेंड कर दिया ताकि मेरे रास्ते का कांटा हट जाए। लोगों का कहना है कि अरुण सिंह को अपनी लड़ाई जारी रखनी चाहिए। सत्य की हमेशा जीत होती है।
अंपायर विनय झा ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि कायराना हरकत किया है पटना जिला क्रिकेट संघ ने। शेम, शेम। जिस शख्स ने(श्री अरूण कुमार सिंह) बिहार क्रिकेट को जिन्दा रखने का काम किया ताउम्र, उन्हें पटना जिला क्रिकेट संघ ने 5 वर्षा के लिए सस्पेंड कर दिया है । पटना क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के द्वारा।
पवन राजपुत लिखते हैं कि प्राणवीर खुद अवैध रूप से हैं। इनका कंधा कोई और इस्तेमाल कर रहा है, इनमें इतनी हिम्मत नहीं हैं।
एक यूजर राज कुमार ने लिखा है कि प्राणवीर का अंत बहुत ही शीघ्र होने वाला है जैसे दीपक बुझने के पहले थोड़ा तेज जलता है वैसे ही प्राण् वीर का स्थिति है रविशंकर सिंह का मोहरा है प्राणवीर।
नीरज राठौर ने लिखा है कि सबसे पहले तो पटना जिला क्रिकेट संघ के असैवंधानिक/स्वघोषित अध्यक्ष द्वारा यह प्रेस रिलीज ही अवैधानिक और अस्वीकार है। कुत्ता भौके हजार, हाथी चले बाजार।
मनोज पांडेय ने लिखा है शेम, शेम प्राणवीर
अजय कुमार सिंह ने लिखा है कि जिस शख्स ने अपनी जिंदगी खपा दी क्रिकेट में उसके साथ ये शर्मनाक हरकत है।
आसिफ खान ने लिखा है कि अब अच्छे लोग क्रिकेट चला कहां रहे हैं है। वही लोग चला रहे हैं जिनको अपने स्वार्थ से मतलव हो ना कि खिलाड़ियों के फ्यूचर से
अभिषेक कुमार ने लिखा है कि अरुण सर उनलोगों में से हैं जिन्होें क्रिकेट को जिंदा रखा है पटना में।
धनंजय सिंह ने लिखा है कि प्राणवीर पेपर पर प्रेसिडेंट बने हुए हैं और वे भी खत्म हो जायेंगे। उन्होंने यह भी लिखा है कि अब कितने बचे हैं। इस पर राजवीर राजपूत ने कमेंट किया है सरदार तीन।
विश्वजीत सिंह ने लिखा है रविशंकर सिंह का मोहरा।