पुणे, 29 अक्टूबर। महाराष्ट्र ओलिंपिक एसोसिएशन (MOA) के महासचिव नामदेव शिरगांवकर पर करोड़ों रुपये के गबन और वित्तीय कदाचार का मामला दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई एमओए के 2 नवंबर को होने वाले चुनाव से ठीक पहले हुई है, जिससे चुनावी माहौल में हलचल मच गई है।
सूत्रों के मुताबिक, यह मामला प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और एमओए अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अजित पवार के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि मामले में उनके हस्ताक्षर भी खर्च अनुमोदन प्रक्रिया में शामिल रहे हैं।
करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप
महाराष्ट्र राज्य कुश्ती संघ के कार्यकारी अध्यक्ष संदीप भोंडवे ने शिकायत दर्ज कराई थी कि शिरगांवकर ने राज्य सरकार से प्राप्त 12.45 करोड़ रुपये की धनराशि का दुरुपयोग किया। यह राशि विभिन्न राष्ट्रीय खेल आयोजनों —
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सितंबर 2022 (गुजरात राष्ट्रीय खेल) के लिए ₹3.50 करोड़,
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अक्टूबर 2023 (गोवा राष्ट्रीय खेल) के लिए ₹4 करोड़,
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जनवरी 2025 (उत्तराखंड राष्ट्रीय खेल) के लिए ₹4.95 करोड़ —
सरकार द्वारा महाराष्ट्र ओलिंपिक संघ को दी गई थी।
शिकायत के अनुसार, शिरगांवकर ने इस धन का उचित वित्तीय विवरण सरकार को नहीं सौंपा और खिलाड़ियों को घटिया गुणवत्ता का खेल सामग्री मुहैया कराई।
एडिडास लोगो घोटाले से जुड़ा मामला
भोंडवे ने आरोप लगाया कि खिलाड़ियों को गाजियाबाद की एक निजी कंपनी द्वारा बनाए गए नकली एडिडास लोगो वाले ट्रैकसूट दिए गए। इन सामानों को दोगुने दाम पर खरीदा गया और सरकारी धन का गबन किया गया।
अब इस मामले में एडिडास कंपनी की नजर भी पड़ने की खबर है। यदि जांच में फर्जी लोगो की पुष्टि होती है, तो कंपनी भी कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
सरकार का कारण बताओ नोटिस
खेल एवं युवा सेवा निदेशालय ने 26 सितंबर 2025 को शिरगांवकर को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया था और 3 अक्टूबर तक हिसाब देने को कहा गया था। लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला।
इसके बाद समर्थ पुलिस स्टेशन, पुणे में वित्तीय कदाचार का मामला दर्ज किया गया।
अजित पवार भी घेरे में
जानकारों के अनुसार, महाराष्ट्र ओलिंपिक एसोसिएशन की वित्तीय स्वीकृति में अध्यक्ष और महासचिव दोनों के हस्ताक्षर आवश्यक होते हैं। इसलिए, इस प्रकरण में अजित पवार की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
हालांकि शिकायत में अजित पवार का नाम सीधे तौर पर शामिल नहीं किया गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर उपमुख्यमंत्री के नाम से शिकायत दर्ज की जाती, तो पुलिस सीधे मामला दर्ज नहीं कर पाती।
राजनीतिक सियासत के संकेत
भोंडवे, जो कि एमओए अध्यक्ष पद के दावेदार और केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल के करीबी हैं, ने यह आरोप ऐसे समय में लगाए हैं जब अजित पवार खुद उसी पद के लिए मैदान में हैं। ऐसे में इस प्रकरण को राजनीतिक रूप से प्रेरित कदम भी माना जा रहा है।